No Confidence Motion: अमित शाह से एक मिनट ज्यादा बोलकर PM मोदी ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया
अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मोदी सरकार की बड़ी जीत हो गई है। इंडिया गठबंधन द्वारा लाया गया प्रस्ताव गिर गया है, प्रचंड बहुमत के साथ सरकार ने फिर वापसी की है। अब इस वापसी से पहले अविश्वास प्रस्ताव के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लंबा भाषण दिया। उनकी तरफ से 2024 लोकसभा चुनाव की पिच पूरी तरह तैयार कर दी गई। अब पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर रोशनी डाली, लेकिन ये करते समय उन्होंने अपने नाम एक और रिकॉर्ड कर लिया।
अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी का सबसे लंबा भाषण
असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे ज्यादा लंबा भाषण देने वाले नेता बन गए हैं। उनसे पहले लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 में 2 घंटे से लंबा भाषण दिया था। लेकिन पीएम मोदी ने गुरुवार को 2 घंटा 13 मिनट बोलकर उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। मजे की बात ये है कि पीएम मोदी की तरफ से सिर्फ शास्त्री का रिकॉर्ड नहीं तोड़ा गया है, बल्कि उन्होंने अपने साथी और देश के गृह मंत्री अमित शाह का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। 24 घंटे पहले ही अमित शाह ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। उन्होंने पूरे 2 घंटा 12 मिनट तक बोला था।
दूसरे नेताओं का क्या हाल?
लेकिन पीएम मोदी ने सिर्फ एक मिनट ज्यादा बोलकर उस रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया। इससे पहले भी लंबे भाषण के मामले में पीएम मोदी ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तो वे कई बार सबसे लंबी स्पीच का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। वैसे अगर अविश्वास प्रस्ताव को छोड़ दिया जाए, तो कई दूसरे नेताओं ने भी लंबे भाषण देने का काम किया है।
भारत के पूर्व वित्त मंत्री वीके कृष्णा मेनन ने साल 1957 में कश्मीर मुद्दे पर बात करते हुए 7 घंटे से लंबा भाषण दिया था। उनकी तरफ यूएन में ये वो सबसे लंबा भाषण दिया गया था। सदन में दिए गए भाषणों की बात करें तो 1996 में आए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान 1 घंटा 30 मिनट लंबा भाषणा अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा भी दिया गया था। दूसरे नेताओं में सुष्मा स्वराज, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे कई दूसरे नेताओं ने भी कई घंटों तक सदन में बोलने का काम किया है।