Manish Sisodia News: आखिर मनीष सिसोदिया को CBI ने क्यों किया गिरफ्तार, पॉलिसी में गड़बड़ी से लेकर अधिकारी की गवाही तक… जानें सबकुछ
Manish Sisodia, Delhi Deputy CM Arrested: शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है।
Manish Sisodia Arrested by CBI: दिल्ली के शराब नीति घोटाला (Liquor Policy Scam Case) मामले में सीबीआई (CBI) ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उनसे 8 घंटे की लंबी पूछताछ की गई। सीबीआई ने सिसोदिया को आज यानी रविवार (रविवार) को पूछताछ के लिए बुलाया था। पिछले साल सीबीआई ने उनके घर सहित 31 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में इससे पहले भी कई लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
क्यों हुई मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी?
मनीष सिसोदिया पर सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगा है। इतना ही नहीं इस मामले में एक ब्यूरोक्रैट ने सिसोदिया के खिलाफ बयान भी दिया है। उसके बयान को आईपीसी की धारा 164 तहत दर्ज किया गया है। सिसोदिया पर आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477 -A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को इस मामले में सिसोदिया के खिलाफ कई डिजिटल सबूत हाथ लगे हैं। इसमें वॉट्सएप चैट से लेकर कई फोन के आईएमईआई नंबर मिले हैं जिन्हें सिसोदिया इस्तेमाल कर रहे थे। इन सबूतों को पूछताछ के दौरान सिसोदिया के सामने भी रखा गया जिनका वह जवाब नहीं दे पाए।
पॉलिसी में क्यों किया गया बदलाव?
सीबीआई ने सिसोदिया से जब पूछा कि शराब नीति में आखिर बदलाव क्यों किया गया और इनकी जरूरत क्यों पड़ी तो इसका वह जवाब नहीं दे पाए। शराब नीति में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए थे जो पहले मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे। कई प्रावधानों को लेकर तो ना नीति को लागू करने से पहले कोई चर्चा की गई और ना ही फाइलों में इसका कोई रिकॉर्ड मिला।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि दिल्ली सरकार 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लेकर आई थी। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद इसे कुछ समय बाद रद्द कर दिया गया था। इस नीति में सरकार ने शराब की बिक्री से खुद को बाहर कर लिया था और केवल निजी दुकानों को ही इसे बेचने की इजाजत दी गई। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। आबकारी विभाग मनीष सिसोदिया के पास है। इसलिए इस पॉलिसी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया। इस नीति के तहत दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रहने की भी अनुमति दी गई। इस नीति में लाइसेंसधारियों को शराब पर असीमित डिस्काउंट की भी छूट दी गई। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है।