AIADMK के मंत्रियों पर केस चलाने की अनुमति भी तो दीजिए, गवर्नर को सरकार की चिट्ठी
सरकार का कहना है कि राज्यपाल काफी लंबे अरसे से इन मंत्रियों की फाइल को दबाए हुए हैं, जिससे सीबीआई एक्शन नहीं ले पा रही है।
चेन्नई

डीएमके सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने के फैसले के बाद तमिलनाडु की स्टालिन सरकार गवर्नर आरएन रवि पर खासी हमलावर हो गई है। सूबे के लॉ मिनिस्टर ने राज्यपाल को चिट्ठी लिख AIADMK सरकार में मंत्री रहे चार नेताओं के खिलाफ केस चलाने की अनुमति देने की मांग की है। सरकार का कहना है कि राज्यपाल काफी लंबे अरसे से इन मंत्रियों की फाइल को दबाए हुए हैं, जिससे सीबीआई एक्शन नहीं ले पा रही है।
तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रघुपति ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि राज्यपाल आरएन रवि को अन्नाद्रमुक सरकार के पूर्व मंत्रियों पर मुकदमा चलाने व उनके पास लंबित 13 विधेयकों को मंजूरी देने में और देरी नहीं करनी चाहिए। गुटखा घोटाले में आगे कोई कदम उठाया नहीं जा सका है, क्योंकि पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान मंत्री रहे सी विजय भास्कर और बीवी रमना पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर सीबीआई के अनुरोध पर राजभवन से जवाब नहीं मिला है। राज्य मंत्रिमंडल ने सितंबर 2022 में सीबीआई का अनुरोध राज्यपाल के पास भेजा था।
सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है, जिसमें गुटखा कंपनियों द्वारा मंत्रियों को रिश्वत देने की बात कही गई थी। विजयभास्कर और रमना आरोपियों की सूची में शामिल हैं। कानून मंत्री ने कहा कि डीवीएसी ने भी अन्नाद्रमुक सरकार में मंत्री रहे केसी वीरामणि और एमआर विजयभास्कर पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। यह मामला भी भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है।
डीवीएसी का अनुरोध स्वीकार करते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने सितंबर 2022 व 15 मई 2023 के पत्रों को आगे भेज दिया था। रघुपति ने अपने पत्र में कहा है कि तमिलनाडु विधानसभा से पारित 13 विधेयक भी राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन में अटके हुए हैं। मंत्री ने कहा कि इन विधेयकों में से दो तो तीन साल से अधिक समय से अटके हैं।
First published on: 05-07-2023 at 19:07 IST