‘हिंदू पहले, विधायक बाद में हूं’, ये रही BJP MLA संजय सिंह की कुंडली, नूंह हिंसा के बाद दिया था विवादित बयान
हरियाणा के नूंह में वीएचपी की शोभायात्रा के दौरान बवाल हुआ था। इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इसके बाद पलवल में हिंदुत्व संगठनों द्वारा आयोजित एक महापंचायत में यह निर्णय लिया गया कि विश्व हिंदू परिषद की यात्रा 28 अगस्त को फिर से शुरू होगी। इस महापंचायत में उपस्थित लोगों में भाजपा विधायक संजय सिंह भी शामिल थे। संजय सिंह सोहना से विधायक हैं।
संजय सिंह ने हरियाणा प्रदेश के बजरंग दल संयोजक भारत भूषण, विहिप सोशल मीडिया प्रमुख अनुराग कुलश्रेष्ठ, पलवल के पूर्व विधायक सुभाष चौधरी और नूंह में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेंद्र आर्य के साथ मंच साझा किया। हरियाणा बीजेपी के स्थानीय पार्टी नेताओं का कहना है कि संजय सिंह का यह कदम आश्चर्यजनक नहीं था। उन्होंने बताया कि संजय सिंह लंबे समय से ‘हिंदू अधिकारों और धर्म’ पर मुखर रहे हैं।
31 जुलाई को हिंसा भड़कने के बाद संजय सिंह ने मीडिया से कहा था, ”मुझे मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने हमारे समाज की रक्षा करने और शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए चुना है। अगर मैं उनकी रक्षा नहीं कर सकता तो मुझे विधायक बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं पहले हिंदू हूं और फिर विधायक हूं। अपने लोगों की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।”
नूंह जिले के उजीना के रहने वाले 49 वर्षीय संजय सिंह पूर्व राज्य मंत्री कंवर सूरज पाल सिंह के बेटे हैं, जो एक किसान नेता थे। संजय सिंह का परिवार मेवात क्षेत्र में राजनीतिक रूप से प्रमुख माना जाता है।
संजय सिंह ने अपनी राजनीतिक यात्रा जमीनी स्तर से शुरू की, सबसे पहले उजिना के सरपंच के रूप में निर्वाचित हुए। 2019 में विधायक चुने जाने से पहले उन्होंने सरकारी सिस्टम में कई पदों पर कार्य किया। उन्होंने भूमि विकास बैंक के निदेशक, मेवात विकास बोर्ड और राज्य खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। बीजेपी विधायक अकसर किसानों और गोरक्षा संगठनों के सम्मेलनों में भी शामिल होते थे।
2019 में संजय सिंह ने जननायक जनता पार्टी के रोहताश सिंह को 12,400 वोटों से हराया था। संजय सिंह ने हलफनामे में 25 एकड़ कृषि भूमि दिखाई है और यही उनकी आय का स्त्रोत है।उन्होंने अपनी 6 करोड़ की संपत्ति घोषित की है।
विधायक संजय सिंह 2022 में तब चर्चा में आए जब उन्होंने आरोप लगाया कि नीरज बवाना के समूह के एक सदस्य ने व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी दी थी और 5 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।
इस वर्ष जून में कई व्यवसायियों और व्यापारियों ने संजय सिंह के खिलाफ एक सम्मेलन किया और उन पर एक विधायक के रूप में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग और उनके हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। इसके बाद गुड़गांव के सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता राव इंद्रजीत सिंह ने एक सम्मेलन में व्यापारियों को संबोधित किया। विधायक संजय सिंह को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था।
नूंह पुलिस ने शुरू में रविवार की महापंचायत के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में नफरत भरे भाषण और हथियार न रखने सहित शर्तों के साथ अनुमति दे दी। लेकिन पोंडरी गांव में भारी पुलिस तैनाती के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में कुछ वक्ताओं ने प्रशासन को उन्हें रोकने की चुनौती दी। इसके अलावा लोगों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाने की मांग की।