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“हमारे खिलाफ बोलने पर नहीं दिया गया नोटिस”, सत्यपाल मलिक को मिले CBI समन पर अमित शाह

सत्यपाल मलिक को सीबीआई से मिले समन पर बोले गृहमंत्री अमित शाह

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को CBI से मिले समन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि जांच की जरूरत के हिसाब से उन्हें तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है.CBI द्वारा दिए गए समन का सत्यपाल मलिक द्वारा बीजेपी सरकार पर लगाए गए आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है. अमित शाह ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिसे आम जनता से छिपाए जाने की जरूरत हो. यदि व्यक्तिगत, राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ टिप्पणियां की जाती हैं, तो उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए.

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“कोई पहली बार तो बुलाया नहीं गया है”

गृहमंत्री ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, उन्हें दूसरी या तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. एक जांच चल रही है, इसमें अगर कोई नई जानकारी या सबूत सामने आते हैं तो उसे लेकर पूछताछ की जाती है. इसी सिलसिले में उन्हें तीसरी बार पूछताछ के लिए समन दिया गया है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि उनको हमारी सरकार के खिलाफ बोलने की वजह से समन दिया गया है. 

“सार्वजनिक मंच पर ऐसी बहस सही नहीं”

उन्होंने आगे कहा कि मेरा सवाल ये है कि जब वो राज्यपाल थे तब उनकी आत्मा क्यों नहीं जगी? इस तरह के बयान की क्या विश्वसनीयता है इसकी जांच आम जनता और पत्रकार करेंगे…अगर वो जो कह रहे हैं उसमें कुछ भी सच्चाई है तो वो उस समय चुप क्यों थे…ये सभी चीजें सार्वजनिक मंच पर बहस करने की नहीं होती हैं. मैं इस देश की जनता से कहना चाहता हूं कि बीजेपी की सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिसे हमे छिपाने की जरूरत पड़े. 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने नोटिस भेजा था. सीबीआई ने अपने नोटिस में सत्यपाल मलिक से भ्रष्टाचार के मामले को लेकर पूछताछ में शामिल होने को कहा है. सीबीआई सत्यपाल मलिक से 27 और 28 अप्रैल को पूछताछ कर सकती है. सत्यपाल मलिक से अकबर रोड पर एक गेस्ट हाउस में पूछताछ की जा सकती है. 

“फाइल पास करने के लिए हुआ था पैसे का ऑफर”

बता दें कि अक्टूबर 2021 में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि आरएसएस नेता से संबंधित एक फाइल को क्लियर करने के लिए उन्हें कथित तौर पर 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. ये रिश्वत दो परियोजनाओं की फाइल को लेकर दी जा रही थी. इसमें से एक अनिल अंबानी की थी और दूसरी आरएसएस के एक नेता की. मुझे दोनों विभागों  द्वारा बताया गया कि ये एक घोटाला है फिर मैने उसी के आधार पर दोनों सौदे रद्द कर दिए. इसी को लेकर सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की थी.दोनों की जांच चल रही है.

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