विपक्ष की बैठक में शामिल होने के लिए AAP ने रखी ये शर्त, कांग्रेस को याद दिलाया ‘वादा’
बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई थी। यह बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुई थी। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी, टीएमसी, एनसीपी, आरजेडी जेडीयू, सीपीआईएम, सीपीआई समेत 17 दलों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में दिल्ली में केंद्र के आदेश पर चर्चा हुई थी। वहीं अब आम आदमी पार्टी ने बड़ा दावा किया है।
AAP ने कांग्रेस से अध्यादेश पर रुख स्पष्ट करने को कहा
17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्ष की दूसरी बैठक होगी। ये बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में होने वाली है। इस बैठक के लिए आम आदमी पार्टी को भी न्योता दिया गया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने पटना में हुई बैठक में वादा किया था कि हम मॉनसून सत्र शुरू होने से 15 दिन पहले सार्वजनिक तौर पर अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे, लेकिन अभी तक पार्टी ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बैठक में शामिल होने के लिए न्योता दिया है लेकिन मैं आप सबको पटना मीटिंग की ओर ले जाना चाहूंगा, जहां पर कांग्रेस ने साफ कहा था कि वह मॉनसून सत्र से शुरू होने से 15 दिन पहले ही अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करेगी। राघव चड्ढा ने साफ कर दिया कि कांग्रेस पार्टी अध्यादेश पर जिस तरीके का स्टैंड लेगी, उसी तरीके से हम बैठक में शामिल होने पर विचार करेंगे।
बता दें कि जब से केंद्र ने अध्यादेश लाया, उसके बाद से ही आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और इस पर समर्थन मांग रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यदि राज्यसभा में यह अध्यादेश पास नहीं होता है तो लोगों को लगेगा कि विपक्ष मोदी सरकार को 2024 चुनाव में हरा सकता है। अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि वे राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करें।
पटना की बैठक के पहले भी आम आदमी पार्टी कांग्रेस से अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कह रही थी, लेकिन इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि अध्यादेश पर समर्थन का फैसला हम संसद में लेंगे।