रियल स्टेट ब्रोकर अंसल पर चलेगा मुकदमा: दिल्ली की अदालत ने जालसाजी और आपराधिक साजिश के तहत आरोप तय किए
रियल स्टेट ब्रोकर गोपाल अंसल पर मुकदमा:दिल्ली की अदालत ने फर्जीवाड़ा, जालसाजी और आपराधिक साजिश के तहत आरोप तय किए
नई दिल्ली4 घंटे पहले
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सांकेतिक फोटो।
दिल्ली की एक अदालत ने 1991 में नई दिल्ली के नॉट प्लेस में एक कंपनी में निवेश के नाम पर एक निजी कंपनी और उसके निदेशकों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी करने के मामले में रियल इस्टेट कारोबारी गोपाल अंसल के खिलाफ मुकदमा दायर करने का आदेश दिया है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट चहल ने अंसल के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक आरोपों जैसे आरोपों को तय करने का आदेश दिया है। हालांकि, अदालत ने स्टेट्समैन हाउस नाम की इमारत की इमारत का निर्माण करने वाली कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज के निदेशक सुशील अंसल को यह कहते हुए आरोपों से मुक्त कर दिया कि रिकॉर्ड में उनकी चुनी हुई सामग्री को आरोपित किया गया है।
मामले की अगली सुनवाई 1 जून को होगी
चार अप्रैल को पारित आदेश में अदालत ने कहा, इस जमानत को हटा दें कि सभी निदेशकों की संलिप्तता के बिना धोखाधड़ी संभव नहीं थी, उन पर (सुशील अंसल पर) मुकदमा चलाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है। अदालत ने गोपाल अंसल के खिलाफ आधिकारिक रूप से आरोप तय करने के लिए मामले की अगली सुनवाई की तारीख एक जून की तारीख तय कर दी।
शिकायत के अनुसार, शिकायतकर्ता कंपनी सचदेवा एंड सन्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 1991 में स्टेट्समैन हाउस में निवेश किया था, जिसका निर्माण अंसल प्रॉपर्टीज कृष्ण बख्शी के जरिए कर रही थी और कृष्ण बख्शी उस समय कंपनी में काम करती थी। वह सह-आरोपी गोपाल अंसल का परिचय कराया था। हालांकि, बख्शी अब इस दुनिया में नहीं है।
शिकायतकर्ता ने क्या लगाया आरोप
बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि रसीदें केवल बख्शी के नाम पर जारी की गईं और वो भी परियोजना में शामिल हुए एक फ्लैट के भुगतान के लिए। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि फंसाने वाले ने शिकायतकर्ता से पैसे ऐंठने के लिए धोखाधड़ी की साजिश रची और उस राशि को पूरी तरह से बख्शी के नाम पर एक फ्लैट बुक में इस्तेमाल किया। अदालत ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि बख्शी ने जनवरी 1992 में अंसल प्रॉपर्टीज के साथ स्टेट्समैन हाउस में एक फ्लैट बुक किया था।
फर्जी फर्जी दस्तावेज तैयार किए
उसने कहा कि जांच से यह भी खुलासा हुआ कि स्टेट्समैन में एक फ्लैट को बुक करने के लिए शिकायतकर्ता से पूरी राशि का उपयोग बख्शी के लिए व्यक्तिगत रूप से एक फ्लैट की बुकिंग करने के लिए किया गया था। अदालत ने कहा कि जांच के दौरान यह भी पाया गया कि फर्जीवाड़े के लिए फर्जी फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे।