यूं ही नहीं नीतीश ने RJD के सुनील सिंह को लपेटा, बहुत दिनों से कर रहे थे मौके का इंतजार
लालू यादव की पार्टी के नेता सुनील कुमार सिंह पिछले दिनों सुर्खियों में थे। सुनील कुमार सिंह से बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अमित शाह के साथ उनकी तस्वीरों को लेकर सवाल कर दिया था। कहा तो ये भी जा रहा है कि नीतीश कुमार ने सुनील सिंह से यह तक पूछ लिया कि क्या वो बीजेपी में शामिल होने वाले हैं।
महागठबंधन में वापसी के बाद शायद यह पहला मौका है, जब नीतीश कुमार ने राजद के किसी नेता से इस तरह सवाल किया हो लेकिन बिहार की राजनीति को नजदीक से देखने वालों के लिए यह बिलकुल भी आश्चर्यजनक नहीं है। सुनील सिंह पहले कई बार नीतीश कुमार की आलोचना कर चुके हैं। 25 मार्च 2022 को जब नीतीश एनडीए में थे, तब राजद के सुनील सिंह ने नीतीश कुमार द्वारा पीएम मोदी के स्वागत को लेकर उनपर हमला बोला था।
इसके कुछ दिनों बाद बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सुनील ने नीतीश के ‘विकास मॉडल’ पर तीखा हमला बोला था। इसी सत्र में उन्हें असंसदीय व्यवहार का दोषी मानते हुए एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। इसी सत्र में विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान सुनील की सीएम से बहस भी हुई थी। बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि वे नीतीश कुमार के आशीर्वाद से MLC नहीं बने हैं।
हाल ही में सुनील सिंह जेडीयू नेता और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ हमले को लेकर सुर्खियों में थे। उन्होंने कहा था कि शिक्षा मंत्री “शिक्षा सुधारों के बजाय रामचरितमानस” पर चर्चा कर रहे हैं। सुनील सिंह बिहार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी केके पाठक पर भी निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सीएम ने “मंत्रियों को नियंत्रण में रखने के लिए चार-पांच चुने हुए नौकरशाहों को रखा हुआ है”।
इसके अलावा सुनील सिंह जेडीयू के नेता अशोक कुमार चौधरी पर हमला बोल चुके हैं। अशोक चौधरी को लेकर उन्होंने कहा था कि वे घाट-घाट का पानी पीकर आए हैं। कई दलों में रह चुके हैं। अशोक चौधरी से ज्यादा अनुभव किसी और के पास नहीं है, वह हर रोज पार्टी बदलते हैं और 2025 में नीतीश कुमार को भी धोखा दे सकते हैं।
कहा जा रहा है कि सुनील सिंह की तरफ लगातार हो रहे हमलों की वजह से जब नीतीश कुमार का घड़ा पूरी तरह भर गया तो उन्होंने राजद नेता को लपटे में ले लिया। हालांकि सुनील सिंह ने सीएम पर पलटवार करते हुए कहा कि राजद के प्रति उनकी “वफादारी” पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह पिछले 28 सालों से राजद में हैं और पूरी जिंदगी राजद में रहेंगे।
लालू-तेजस्वी के करीबी हैं सुनील सिंह
सुनील सिंह भले ही 2017 में पहली बार MLC बनाए गए हों लेकिन 58 साल का यह नेता पार्टी में अहम रोल रखता है। इसकी एकमात्र वजह उनकी लालू परिवार को लेकर वफादारी बताई जाती है। वह 23 साल तक राजद के खजांची रह चुके हैं। कहा जाता है कि साल 2020 में पार्टी के उम्मदीवारों के चयन में उनकी अहम भूमिका थी। लगातार नीतीश कुमार की आचोलना के बाद भी उनपर राजद की तरफ से आजतक कोई एक्शन नहीं हुआ है।