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मैरिटल रेप में पति पर केस होगा:कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा

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मैरिटल रेप में पति पर केस होंगे:कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा- पत्नी से बलात्कार के लिए पति को छूट नहीं मिल सकती

बेंगलुरू3 घंटे पहले

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वैवाहिक बलात्कार पर जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है।  - दैनिक भास्कर

वैवाहिक बलात्कार पर जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है।

आरोपित बलात्कार का लेकर कानून में अपवाद की संवैधानिकता पर सर्वोच्च न्यायालय के अगले महीने आने वाले फैसले से पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक मामले में पति पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने भी इस मामले में पति पर पत्नी के साथ लिपटने के आरोप में मामला दर्ज करने का समर्थन किया है।

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले का समर्थन करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर किया है। इसमें कहा गया है कि केस दर्ज होना चाहिए। हाई कोर्ट ने पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध बनाने के लिए आईपीसी की धारा 376 के तहत पति के खिलाफ आरोपों को बरकरार रखा था।

गैर-हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले के मामले और स्थिति में इस तरह के यौन हमले/दुष्कर्म के लिए पति को पूरी तरह से छूट नहीं दी जा सकती है। अनुलिपि पर जांच का एक विस्तृत दौर है। पूर्व में दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में भ्रष्टाचार के कानून के तहत पतियों को दी गई छूट को खत्म करने की मांग की गई थी।

केंद्र सरकार ने नहीं अपनाया था स्पष्ट रुख
सेंटर सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में गैर-कानूनी नौकरी को आपराधिक बनाने पर स्पष्ट रुख दादा से परहेज किया। शिकायतों में आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को चुनौती दी गई थी। वहीं, कर्नाटक हाई कोर्ट ने लिपिक लिप्सा की खिंचाई को रद्द करने से इनकार करते हुए फैसला सुनाया था। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 375 का अपवाद 2 पूर्ण नहीं है। इसमें पति को घटना दी गई है।

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सरकार का विश्वास पत्नी का बलात्कार नहीं करते पति

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कानून में मैरिटल रेप को एंट्री दे दी है। अभी ये एंट्री केवल अबॉर्शन के लिए ही है। फिर भी यह पहली बार सीमित ही सही है, लेकिन वैवाहिक अपराध की मान्यता प्राप्त है। जबकि सरकार का मानना ​​है कि पति, पत्नी का रेप नहीं करते। अचूक क्या है शादीशुदा महिलाओं के गर्भपात में वैवाहिक रिश्ते से रिश्ते का फैसला, फाइनल मैरिटल रेप होता है क्या। पढ़ें पूरी खबर…

शादी के बंधन में बंधने से संबंध नहीं बनते

मामले दर्ज किए गए महिला विवाह हैं। उसने शादी के लिए अपनी मर्जी से पति के अलावा किसी दूसरे पुरुष से संबंध बनाए। यह जानकर कि उसके साथ तलाक से पहले शादी नहीं कर सकता। इस तरह यह वादा अवैध है और भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 376 (2)(एन) के तहत मामला दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता है।’ पढ़ें पूरी खबर…

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