महाराष्ट्र में कल क्या होगा? 5 पॉइंट्स में समझिए, चाचा-भतीजे दोनों ने बुलाई बैठक
NCP vs NCP: महाराष्ट्र में अब क्या होगा? 5 पॉइंट्स में समझिए, चाचा-भतीजे दोनों ने बुलाई बैठक
Pawar vs Pawar: महाराष्ट्र की महाभारत अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। चाचा-भतीजे की सियासी जंग में यह देखने वाली बात होगी कि किसका पलड़ा भारी रहता है।
मुंबई
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Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी ‘महाभारत’ अपने अगले अध्याय की ओर बढ़ चली है। लोग सवाल करने के लगे हैं कि क्या शिवसेना जैसा ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का हाल होगा। शरद पवार के भतीजे और एनसीपी के कद्दावर नेता अजित पवार की बगावत और रविवार को शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी दो धड़ों में बंट चुकी है। शरद पवार गुट और अजित पवार गुट दोनों ही एनसीपी पर दावा कर रहे हैं। मंगलवार को भी दोनों गुटों में बैठकों का दौर चला और बयानबाजी हुई। दोनों गुटों ने अपनी असल ताकत दिखाने के लिए बुधवार को बैठक बुलाई है। अजित पवार ने सुबह 11 बैठक बुलाई तो वहीं चाचा शरद पवार ने दोपहर 1 बजे मीटिंग बुलाई है। इसके अलावा एक बैठक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की तरफ से बुलाई गई है। इस बैठक में शिवसेना कोटे के मंत्री शामिल होंगे।
शरद पवार और अजित पवार की मीटिंग से यह स्पष्ट हो सकता है कि किसके साथ कितने विधायक हैं। कौन संख्या बल में ज्यादा है। अजित पवार अगर ज्यादा विधायकों को साथ लाने में सफल रहते हैं तो फिर पंसदीदा मंत्रालयों को लेकर सियासत शुरू होने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो अजित पवार ने मंत्रालयों को लेकर अपनी इच्छा जाहिर की है। जिनमें वित्त, सहकारिता समेत कई महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं, जिसमें अधिकतर विभाग बीजेपी खेमे के पास हैं। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के सूत्रों ने एक बड़ा दावा किया है। बीजेपी सूत्रों के दावे के मुताबिक, शिवसेना और एनसीपी के बाद अब कांग्रेस भी इसी दिशा में आगे बढ़ सकती है। बीजेपी के सूत्रों ने दावा किया कि एनसीपी संकट के बाद कांग्रेस के दो प्रमुख नेता पार्टी के संपर्क में हैं और कथित डील को लेकर बातचीत कर रहे हैं। चर्चा कुछ समय से चल रही है और अब यह अंतिम चरण में है।
- 2 जुलाई को 8 विधायकों के साथ शपथ लेने के बाद अजित पवार और बाकी बागियों को शरद पवार ने NCP से निकाल दिया था। इसके बाद अजित पवार ने अपनी नई पार्टी बना ली। अजित ने मंगलवार को मुंबई में मंत्रालय के सामने अपने नए पार्टी दफ्तर का ऐलान किया। वो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कैबिनेट मीटिंग में भी शामिल हुए। चाचा शरद पवार से अलग होकर महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 53 में से 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। हालांकि, अजित पवार समेत नै विधायकों के साथ शपथ लेने के दो दिन बाद यह स्पष्ट नहीं है कि शरद पवार गुट और अजित पवार गुट में कौन बड़ा है। क्योंकि दोनों तरफ से अभी तक अपने-अपने विधायकों को पेश नहीं किया गया है।
- अजित पवार के ऑफिस में अपनी तस्वीर लगाने पर शरद पवार ने आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मेरी विचारधारा को धोखा दिया, उन्हें मेरी तस्वीर का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है। अजित पवार ने सभी NCP सांसदों, विधायकों, विधानसभा परिषद के सदस्यों, पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं के साथर को बांद्रा के MET में बैठक की।
- जहां तक अजित पवार गुट की बात है, तो उनके साथ रविवार को शपथ लेने वाले विधायकों में छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल पाटिल, हसन मुशरिफ, अदिति तटकरे, धर्मरावबाबा अत्राम और संजय बनसोडे शामिल हैं। अजित पवार के पास एनसीपी पार्टी को विभाजित करने और दल-बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई से बचने के लिए दो-तिहाई बहुमत होना जरूरी है। अगर उनके पास पर्याप्त नंबर हैं, तो वह पार्टी के नाम और प्रतीक पर दावा ठोक सकते हैं।
- शरद पवार ने भी मंगलवार को वाईबी चव्हाण सेंटर यानी NCP दफ्तर में पार्टी की मीटिंग की। इसमें कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद रहीं। बुधवार को NCP के दोनों गुटों के अलावा शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस ने भी बैठकें बुलाई हैं। इसमें एनसीपी संकट को लेकर आगे की दिशा तय होनी है। प्रफुल्ल पटेल ने मंगलवार को दावा किया कि 2022 में 53 में से 51 NCP विधायकों ने शरद पवार से कहा था कि MVA सरकार गिरने के बाद बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की संभावना तलाशी जानी चाहिए। हालांकि, शरद पवार ने ऐसा करने से रोक दिया। वहीं मंगलवार को शिवसेना उद्धव गुट की भी मीटिंग हुई। संजय राउत ने कहा कि शरद पवार अकेले नहीं पड़े हैं, हम उनके साथ है। वे बाला साहब ठाकरे जैसे ही हैं। एकनाथ शिंदे के पास कभी भी बारगेनिंग पावर नहीं थी। जो गुलाम होता है उसके पास पावर नहीं रहता है।
- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि एनसीपी के 53 विधायक थे, अगर 37 से ज़्यादा विधायक अजित पवार के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच सकते हैं। अगर 35 से कम रहे तो निलंबन तय है, जो शिवसेना के समय हुआ था, वही होगा। बता दें, 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के पास 45 सीटें हैं। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के पास 17 विधायक हैं।
First published on: 04-07-2023 at 22:04 IST