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भारत और बांग्लादेश के बीच रुपये में व्यापार की शुरुआत, जानिए होगा क्या फायदा

बांग्लादेश और भारत ने मंगलवार को रुपये में व्यापार लेनदेन शुरू किया। दोनों देशों का उद्देश्य अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करना और क्षेत्रीय मुद्रा और व्यापार को मजबूत करना है। यह पहली बार है जब बांग्लादेश ने अमेरिकी डॉलर के अलावा दूसरी करेंसी में किसी विदेशी देश के साथ द्विपक्षीय व्यापार किया है।

बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रउफ तालुकदार ने रुपये में व्यापार की शुरुआत को एक महान यात्रा में पहला कदम बताया। उन्होंने लॉन्चिंग समारोह में कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार की स्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। दोनों देशों को उनके आर्थिक सहयोग से लाभ हुआ है। समारोह में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा भी शामिल हुए।

दोनों देशों को होगा फायदा

बांग्लादेश बैंक के गवर्नर ने कहा कि टका-रुपया दोहरी मुद्रा कार्ड की शुरुआत से भारत के साथ व्यापार के दौरान लेनदेन लागत कम हो जाएगी। ये सितंबर से लॉन्च होने के लिए लगभग तैयार है। अधिकारियों ने कहा कि औपचारिक व्यवस्था के तहत अब से दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर कम होने पर शुरुआत में व्यापार रुपये में और फिर धीरे-धीरे बांग्लादेशी मुद्रा टका में किया जाएगा। बांग्लादेश और भारत के बैंकों को विदेशी मुद्रा लेनदेन के उद्देश्य से नोस्ट्रो खाते, दूसरे देश के बैंक में एक खाता खोलने की अनुमति दी गई है।

अधिकारियों ने कहा कि विनिमय दर (Exchange Rate) बाजार की मांग और प्रक्रिया में शामिल बैंकों के अनुरूप निर्धारित की जाएगी। आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश से भारत का निर्यात 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जबकि भारत से बांग्लादेश का आयात 13.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। वहीं कई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि व्यापार घाटे के कारण बांग्लादेश नई प्रणाली का लाभ जल्दी नहीं उठा पाएगा।

भारत बांग्लादेश के लिए बड़ा बाजार

बांग्लादेश बैंक के गवर्नर ने कहा कि वह सिर्फ इस 2 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात पर गौर नहीं कर रहे हैं क्योंकि जब हम भारतीय रुपये में निर्यात और आयात करते हैं, तो इसका दोनों देशों के निर्यातकों और आयातकों (Exporters and importers) पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम अपने निर्यात को कई गुना बढ़ा सकते हैं क्योंकि भारत में ग्राहक अपनी मुद्रा में चीजें खरीदेंगे और इसे अपना उत्पाद मानेंगे। यह इस (भारतीय) बाजार में बड़े पैमाने पर हमारे लिए एक नई खिड़की खोलेगा क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार है। प्रणय शर्मा ने कहा कि पिछले दशक में भारत-बांग्लादेश संबंधों में काफी बदलाव आया है।

भारत में बांग्लादेश का निर्यात पिछले तीन वर्षों में लगातार एक अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है और पिछले वित्त वर्ष के दौरान पहली बार दो अरब डॉलर को पार कर गया है। भारत एशिया में बांग्लादेश के लिए शीर्ष निर्यात स्थल के रूप में उभरा है।

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