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भारतीय हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में काटा गदर, मलेशिया को हरा जीता खिताब

Asian Champions Trophy Final, India vs Malaysia: भारतीय हॉकी टीम ने शनिवार को मलेशिया को हराकर एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब चौथी बार अपने नाम किया। पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही टीम इंडिया ने 1-3 से पिछड़ने के बाद मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में फाइनल मुकाबले में शानदार वापसी की। मलेशिया को 4-3 से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस प्रदर्शन ने बताया कि क्यों भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारी।

भारत के लिए जुगराज सिंह (नौवें मिनट), कप्तान हरमनप्रीत सिंह (45वें), गुरजंत सिंह (45वें) और आकाशदीप सिंह (56वें) गोल किए। मलेशिया की तरफ से अबू कमाल अजराई (14वें), रहीम राजी (18वें), मोहम्मद अमीनुदीन (28वें) ने गोल किए। भारत ने सेमीफाइनल में जापान को 5-0 से हराया था। वहीं मलेशिया ने दक्षिण कोरिया को 6-2 से हराया था। राउंड-रॉबिन लीग में भारत ने मलेशिया को 5-0 से हराया था।

भारत तीसरे क्वार्टर तक 1-3 से पीछे रहा

फाइनल मुकाबले में मलेशिया से भारत तीसरे क्वार्टर के अंतिम मिनट तक 1-3 से पीछे चल रहा था, लेकिन इसके बाद उसने आखिरी 16 मिनट में मैच का पासा पलट दिया। भारत ने पहले 30 सेकंड के अंदर दो गोल किए। फिर आखिरी क्वार्टर में निर्णायक बढ़त हासिल की। भारत का यह चौथा खिताब है और उसने पाकिस्तान (तीन खिताब) को पीछे छोड़ा। 

जुगराज ने पेनल्टी को ड्रैग फ्लिक से गोल में बदला

मलेशिया ने खेल शुरू होते हैं दबाव बनाने की रणनीति अपनाई तथा उसके स्टार खिलाड़ी अजराई ने पहले मिनट में ही भारतीय गोल में सेंध लगाने की नाकाम कोशिश की। हालांकि, भारतीय टीम ने जल्द ही अपनी लय पकड़ी। आठवें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, जिसे जुगराज ने ताकतवर ड्रैग फ्लिक से गोल में बदला। कप्तान हरमनप्रीत सिंह उस समय मैदान में नहीं थे, लेकिन जुगराज ने उनकी कमी नहीं खलने दी। हालांकि, मलेशिया ने भारत की बढ़त ज्यादा देर तक नहीं रहने दी।

मलेशिया ने दूसरे क्वार्टर में अच्छी शुरुआत की

अजुआन हसन ने सर्किल के बाहर गेंद पर नियंत्रण बनाया और उसे गोलमुख के पास खड़े अजराई तक पहुंचाया, जिन्होंने गोल करने में कोई देरी नहीं लगाई। भारत ने पहले क्वार्टर के आखिरी क्षणों में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, लेकिन हार्दिक सिंह के खराब प्रयास से वह उनका फायदा नहीं उठा पाया। मलेशिया ने दूसरे क्वार्टर में अच्छी शुरुआत की तथा उसके जवाबी हमले के सामने भारत अपनी लय खो बैठा। मलेशिया ने जल्द ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। भारत ने रेफरी के इस फैसले पर अपना एक रेफरल भी गंवाया।

मलेशिया हाफ टाइम तक 3-1 से आगे

रहीम राजी ने इस पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर मलेशिया को पहली बार बढ़त दिलाई। भारत को 21वें मिनट में बराबरी करने का मौका मिला था, लेकिन विवेक सागर के करारे शॉट को मलेशिया के गोलकीपर हफीजुद्दीन ओथमान ने अपने हाथों से रोक दिया। मलेशिया ने हमलावर तेवर अपनाए और चार मिनट के अंदर दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। मोहम्मद अमीनुदीन ने इनमें से दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके मलेशिया को मध्यांतर तक 3-1 से आगे रखा।

हरमनप्रीत और जुगराज नहीं उठा पाए पेनल्टी का फायदा

भारत ने तीसरे क्वार्टर के शुरू में दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, लेकिन हरमनप्रीत और जुगराज उन पर गोल नहीं कर पाए। भारतीय टीम ने इसके बाद भी गोल करने के प्रयास किए। खेल के 40वें मिनट में आकाशदीप सिंह के पास मौका था लेकिन वह फाउल कर बैठे। इस बीच मलेशिया ने भी जवाबी हमलों से भारतीय रक्षकों को व्यस्त रखा। मलेशिया 43वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर का फायदा नहीं उठा पाया।

भारत की शानदार वापसी

भारत ने इसके तुरंत बाद जवाबी हमला किया, लेकिन जरमनप्रीत सिंह का शॉट क्रॉसबार के ऊपर से बाहर चला गया। भारत ने तीसरे क्वार्टर के अंतिम पलों में कुछ सेकंड के अंदर दो गोल करके स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। भारत को पहले पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदला। भारतीय कप्तान ने इसके तुरंत बाद गेंद पर नियंत्रण बनाया और उसे गोलमुख के पास खड़े गुरजंत तक पहुंचाया, जिन्होंने उस पर आसानी से गोल कर दिया।

आकाशदीप ने दिलाई निर्णायक बढ़त

भारत ने बुलंद हौसलों के साथ चौथे क्वार्टर में कदम रखा। उसके पास 52वें मिनट में बढ़त हासिल करने का सुनहरा मौका था लेकिन सुखजीत सिंह मलेशिया के गोलकीपर को नहीं छका पाए। आकाशदीप ने इसके चार  मिनट बाद भारत को निर्णायक बढ़त दिलाई। तब मनदीप सिंह का शॉट मलेशिया के रक्षक ने रोक दिया था लेकिन गेंद आकाशदीप के पास चली गई जिनके ताकतवर शॉट का मलेशिया के गोलकीपर के पास भी कोई जवाब नहीं था। 

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