POLITICS

बिहार में जातिगत सर्वे पर आया CM नीतीश का नया बयान, कहा

Last Updated:

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा है कि जल्द ही हर परिवार और जाति का आर्थिक स्थिति का आंकड़ा जारी किया जाएगा।

बिहार में जातीय सर्वे के आंकड़े जारी कर 2024 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बड़ा दांव खेल चुके हैं। बिहार पहला राज्य हैं, जहां सरकार ने जातिगत सर्वे करवाया है और इसके आंकड़े भी सार्वजनिक किए हैं। नीतीश कुमार ने अब नई तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा है कि जल्द ही हर परिवार और जाति का आर्थिक स्थिति का आंकड़ा भी जारी किया जाएगा।

खबर में आगे पढ़ें:-

  • कौन सा मास्टरस्ट्रोक खेलने वाले हैं नीतीश?
  • जातीय सर्वे के बाद अब कौन से आंकड़े?
  • जातीय सर्वे के आंकड़ों पर भी एक नजर?

CM नीतीश कुमार का नया बयान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय सर्वे पर बुधवार को नया बयान दिया और कहा कि हमने जो किया है (बिहार जाति सर्वेक्षण) उसकी चर्चा अन्य राज्यों में भी हो रही है। इसी के साथ सीएम नीतीश ने कहा- ‘एक बार सदन (विधानसभा सत्र) शुरू होने पर, हम हर जाति के प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति सहित सभी विवरण सामने रखेंगे।’

#WATCH | Patna: Bihar CM Nitish Kumar says, “What we have done (Bihar caste survey) is being discussed in other states as well…Once the House (Assembly session) begins, we will put forth all the details, including the economic conditions of each family of every caste…” pic.twitter.com/52a6VMSquy

— ANI (@ANI) October 11, 2023

वैसे आर्थिक आंकड़ों की बात नीतीश कुमार पहले भी कह चुके हैं। हालांकि उन्होंने इसकी कोई तारीख नहीं बताई थी। जाति सर्वे के आंकड़े जारी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना के काम में लगी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि सर्वेक्षण से न केवल जातियों का पता चला, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी मिली।

यह भी पढ़ें: जीतन मांझी के दिल्ली दौरे को लेकर बढ़ी हलचल! NDA में कब होगी सीट शेयरिंग पर चर्चा? दिया ये जवाब

बिहार में जातीय सर्वे के आंकड़े

जातीय सर्वे के आंकड़े देखे जाएं तो  अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) मिलकर राज्य की आबादी का 63 प्रतिशत हिस्सा हैं। आंकड़ों से पता चला है कि बिहार में सबसे बड़ा वर्ग अत्यंत पिछड़ा वर्ग है, जिसकी आबादी में कुल भागेदारी 36.01 प्रतिशत है, जबकि अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) 27 प्रतिशत है। 

अन्य वर्गों की बिहार में क्या स्थिति 

– सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत 

– आबादी में अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी

– अनुसूचित जनजाति 1.68 फीसदी

आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि आबादी में हिंदू 81.99 प्रतिशत, मुस्लिम 17.7 प्रतिशत, ईसाई 0.05 प्रतिशत, सिख 0.01 प्रतिशत, बौद्ध 0.08 प्रतिशत और अन्य धर्मों के 0.12 प्रतिशत शामिल हैं।

अब ‘मास्टरस्ट्रोक’ खेलने की तैयारी में नीतीश!

नीतीश कुमार के जातीय सर्वे के दांव को 2024 में वोट हासिल करने की सियासी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। वो ऐसे कि बिहार सरकार ने जाति सर्वेक्षण डेटा जारी किया, जिसमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों पर असर डालने वाले आंकड़े शामिल हैं। बहरहाल, नीतीश कुमार आर्थिक स्थिति के आंकड़ों को जारी कर मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में हैं।

यह भी पढ़ें: ‘कांग्रेस के युवराज पार्टी की खटिया खड़ी करके रहेंगे’, राहुल गांधी के जातिगत जनगणना की घोषणा पर बोले अश्विनी चौबे

Read More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: