नीतीश की विपक्षी एकता वाली नैया में अजित के सियासी खेल ने कर दिया छेद?
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी ड्रामे से विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है। पिछले महीने 23 जून को ही बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी, जिसमें 17 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। एनसीपी की ओर से इस बैठक में शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल शामिल हुए थे। पटना में हुई विपक्ष की बैठक का नेतृत्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) कर रहे थे। वही नीतीश कुमार जो अगस्त 2022 में बीजेपी का साथ छोड़ आरजेडी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली और एक बार फिर से राज्य की कमान संभाली।
नीतीश कुमार विपक्ष को एक करने की कर रहे कोशिश
जबसे नीतीश कुमार ने दोबारा आरजेडी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई है, उसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष की ओर से वह पीएम पद का चेहरा हो सकते हैं। हालांकि नीतीश कुमार हमेशा से इस बात को नकारते रहे हैं, लेकिन पूरे विपक्ष को एक करने का सबसे अधिक प्रयास नीतीश कुमार ही करते हुए दिखाई दे रहे हैं। पटना में हुई बैठक से पहले नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक, बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात की थी।
राहुल को ‘दूल्हा’ बनाने की बात पर नाराज हुआ अजित पवार गुट
सूत्रों के अनुसार कहा जाता है कि बिहार में जब विपक्ष की बैठक हुई थी, उस दौरान राहुल गांधी को दूल्हा बनाने की बात कही गई और इस पर शरद पवार (Sharad Pawar) ने भी हामी भर दी थी। यही बात अजित पवार गुट को नागवार गुजरी। अजित पवार गुट को लगा कि शरद पवार वन मैन आर्मी की तरह काम कर रहे हैं और बिना पार्टी नेताओं से पूछे फैसले ले रहे हैं। बस इसके बाद ही पार्टी के असंतुष्ट नेताओं ने बगावत का मन बना लिया था।
बैठक के बाद जब प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही थी, उस दौरान लालू यादव ने भी कहा था कि राहुल गांधी अब आप शादी कर लीजिए और आप दूल्हा बनिए। हम सब बाराती बनकर चलेंगे। लालू यादव एक मझें हुए राजनेता हैं और इतनी आसानी से वह कोई बयान नहीं देते हैं। लालू यादव के बयान के कई मायने होते हैं।
महा विकास आघाडी में टूट से विपक्ष को झटका
विपक्ष को लगता है कि महा विकास आघाडी बनने के बाद महाराष्ट्र में वह बीजेपी को मात दे सकता है। महा विकास आघाडी में एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट शामिल है। महाराष्ट्र के कई सर्वे में बीजेपी कमजोर भी दिख रही थी लेकिन एनसीपी के बड़े धड़े के टूटने के बाद अब महाराष्ट्र में फिर से बीजेपी विपक्ष पर हावी होती हुई दिखाई दे रही है। इससे भी नीतीश कुमार को झटका लगा है क्योंकि वह भी गणित लगा रहे थे कि बिहार और महाराष्ट्र में बीजेपी को वह अन्य दलों की मदद से पीछे कर देंगे।
शरद पवार बीजेपी के लिए मुसीबत बन रहे थे
देश भर के नेता मानते हैं कि शरद पवार में विपक्ष को एकजुट करने की क्षमता है और बीजेपी के लिए चुनौती भी बनते जा रहे थे लेकिन अब एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार के सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। शायद उनके राजनीतिक जीवन का यह सबसे बड़ा संकट है। अब शरद पवार के सामने संकट है कि विपक्ष को एकजुट करें या फिर पहले अपना घर (पार्टी) बचाएं।
विपक्षी दलों की अगली मीटिंग बेंगलुरु में होने वाली है। अब इस बैठक में सबकी नजरें शरद पवार के रुख पर होंगी। वहीं इस बैठक में नीतीश कुमार को लेकर क्या चर्चा होती है, इस पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा। जब पटना में विपक्ष की बैठक हुई थी, उस दौरान नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि दूसरी मीटिंग में सब कुछ तय हो जाएगा कि कौन कहां से लड़ेगा। लेकिन बड़ा सवाल अभी भी यह है कि विपक्ष क्या पीएम पद के चेहरे के साथ चुनाव में जाएगा या फिर बिना चेहरे के साथ चुनाव में जाएगा। एनसीपी में हुई टूट के बाद शरद पवार के साथ तो विपक्षी नेता सहानुभूति रख रहे हैं, लेकिन अभी तक शरद पवार से मिलने राहुल गांधी के अलावा कोई नहीं पहुंचा है। राहुल गांधी ने गुरुवार को शरद पवार के घर पर जाकर उनसे मुलाकात की थी और ताजा घटनाक्रम को लेकर चर्चा की थी।