नरेंद्र मोदी के लिए 2024 में नहीं करूंगा प्रचार, RSS करेगा PM पर फैसला
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंंसा के लिए सरकार की नाकामी को जिम्मेदार बताया है। बता दें कि हरियाणा में भाजपा की सरकार है और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हैं। स्वामी का कहना है कि यह पूरी तरह प्रशासनिक विफलता का नतीजा है, हिंंदुत्व के उभार का नहीं। स्वामी जनसत्ता.कॉम के संपादक विजय कुमार झा से बातचीत कर रहे थे। यह पूछने पर कि क्या अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन के बाद हिंंदुत्व का जो उभार हुआ, उससे हिंंदू-मुस्लिम सौहार्द कमजोर हुआ, स्वामी ने कहा- नहीं।
स्वामी ने केंद्र सरकार को भी विदेश और आर्थिक मोर्चों पर पूरी तरह नाकाम बताया। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में वह भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, नरेंद्र मोदी के लिए नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि नरेंद्र मोदी 2024 चुनाव के बाद प्रधानमंत्री रहेंगे या नहीं, यह अभी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह फैसला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) करेगा। अभी इस बारे में कोई फैसला नहींं हुआ है और आरएसएस अपना फैसला पहले से बताता भी नहीं है। इसलिए भाजपा के बहुमत में आने के बावजूद नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय नहीं है।
मोदी 2024 लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री रहेंगे या नहीं, तय नहीं
स्वामी से पूछा गया था कि नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जो कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, इस बात की संभावना में कितना दम है? इसके जवाब में वह बोले कि अगर सही दिशा में और सही नीतियों के साथ चला जाए तो अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत, लेकिन प्रधानमंत्री ने जो कहा उसमें यह ध्यान देने की बात है कि वह 2024 लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री रहेंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
मोदी का हिंंदुत्व रावण जैसा
स्वामी से पूछा गया कि दो अहम मुद्दों (अर्थव्यवस्था और विदेश नीति) पर जब आप मोदी सरकार को पूरी तरह नाकाम बता रहे हैं तो 2019 में दूसरी बार कैसे फिर से उनके नाम पर भाजपा को बहुमत मिल गया? स्वामी ने जवाब दिया- वोट हिंदुत्व के नाम पर मिला। उन्होंने कहा कि भाजपा में हिंंदुत्व के लिए समर्पित कई नेता और कार्यकर्ता हैं। इस पर पूछा गया कि क्या नरेंद्र मोदी हिंंदुत्व के लिए समर्पित नहीं हैं? स्वामी ने जवाब दिया- मोदी का हिंंदुत्व रावण जैसा है, क्योंकि वह खुद के लिए है।
चीन सीमा पर भारतीय फौज को ज्यादा आक्रामकता दिखाने पर रोक
विदेश नीति के फ्रंट पर मोदी सरकार को नाकाम बताते हुए चीन के मामले में स्वामी ने कहा कि निजी बातचीत में उनके कई जानकार उनसे बताते हैं कि सीमा पर भारतीय सैनिकों को ज्यादा आक्रामकता दिखाने से परहेज करने के लिए कहा जाता है। उनसे कहा गया कि यह आप बेहद गंभीर आरोप लगा रहे हैं तो उन्होंने कहा- हां। जब उनसे कहा गया कि आपके पास इतना कुछ जानकारी है तो कोर्ट में मुद्दा क्यों नहीं ले जाते? इस पर स्वामी बोले- ये बातें मुझे संबंधित लोगों ने बताई हैंं, इसलिए कोर्ट में साबित करने के लिए मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं है। जब सदन में मैंने मुद्दा उठाया था तो राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर जानकारी नहीं दी गई।
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी का तर्क रहा है कि चीन द्वारा कब्जा की गई जमीन को वापस लेने के लिए भारत को युद्ध करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। सरकार कहती रही है कि हमारी फौज चीन के किसी भी दुस्साहस का सामना करने और उसे जवाब देने में सक्षम है।
स्वामी ने विदेश मंत्री जयशंकर को ‘मंद बुद्धि’ का बताते हुए कहा कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है, उस पर कब्जे की बात करने के बजाय विदेश मंत्री कहते हैं कि कई मुद्दों पर चीन से सकारात्मक बातचीत हुई है।
भारत के आग्रह पर अमेरिका ने दिया नरेंद्र मोदी को संसद में संबोधन का सम्मान
विदेश में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबदबे से संबंधित खबरों पर टिप्पणी करते हुए स्वामी ने कहा कि यह केवल मीडिया में दिखता है, जमीनी हकीकत एकदम अलग है। जब अमेरिका की ओर से संसद को संबोधित करने का सम्मान दिए जाने का जिक्र किया गया तो स्वामी बोले- यह मौका कई देशों के नेताओं को मिला है। भारत की ओर से भी यह आग्रह किया गया और अमेरिका ने इसे मान लिया।
न्यायपालिका के कहने पर किरन रिजिजू को कानून मंत्रालय से हटाया गया
स्वामी ने न्यायपालिका का जिक्र करते हुए बताया कि पूर्व कानून मंत्री किरन रिजिजू ने जजों के बारे में जो बातें कहीं, उसके बाद न्यायपालिका की ओर से सरकार को कहा गया कि उन्हें कानून मंत्री बिल्कुल नहीं बनाए रखना चाहिए। तब जाकर उन्हें कानून मंत्री की कुर्सी से हटाया गया। बता दें कि रिजिजू ने न्यायपालिका और जजों को लेकर कई टिप्पणियां की थीं। उनमें से सबसे तीखी बात यह थी कि उन्होंने कुछ जजों को ‘एंटी इंडिया गैंग’ का बताया था और चेताया भी था। उनके इस बयान के कुछ दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जुन मेघवाल को कानून मंत्री बना दिया।
जनसत्ता.कॉम के कार्यक्रम बेबाक के और वीडियो देखना चाहते हैं तो नाम पर क्लिक करें- मुख्तार अब्बास नकवी (पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता), अश्विनी कुमार (पूर्व कानून मंत्री)