दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के निशाने पर राजस्थान, जाटों के हार्टलैंड में पैर जमाने के लिए तैयार की कुछ ऐसी रणनीति
राजस्थान विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं। वहीं हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी राजस्थान की राजनीति में प्रवेश करने और चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने के लिए पूरी तरह तैयार है। जेजेपी ने कई महीने पहले ही चुनाव लड़ने के अपने इरादे की घोषणा की थी।
जेजेपी ने दिग्गज कांग्रेस नेता नारायण सिंह की बहू और दांता रामगढ़ से मौजूदा कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह की पत्नी रीता सिंह को शामिल किया है। रीता के जेजेपी में प्रवेश से सीकर जिले में राजनीतिक समीकरण बदलने की उम्मीद है। नारायण सिंह के परिवार का सीकर में दबदबा है। जेजेपी ने रीता सिंह को अपनी महिला विंग का राजस्थान अध्यक्ष बनाया है।
जेजेपी में शामिल होने के बाद रीता सिंह ने सीधे तौर पर कांग्रेस को लेकर कोई बयान नहीं दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि वह किसानों और महिलाओं के लिए काम करना चाहती हैं। जेजेपी अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी विशेष रूप से उन सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद करती है, जहां भाजपा कमजोर रही है। जेजेपी का मुख्य क्षेत्र सीकर जैसे जिले हैं, जहां जाट आबादी अधिक है।
हाल के महीनों में हरियाणा के डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला लगातार राजस्थान का दौरा कर रहे हैं और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इनमे से कई कार्यक्रम जाट समुदाय पर केंद्रित हैं।
इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी), जिससे जेजेपी निकली है, वह राजस्थान में चुनाव लड़ चुकी है। अजय सिंह चौटाला स्वयं जनता दल की सीट पर 1990 में दांता रामगढ से चुनाव लड़ चुके हैं और जीत चुके हैं। उनके दादा और पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल ने 1989 में सीकर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी।
जेजेपी ने तो अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान में उन सीटों पर चुनाव लड़ेगी जहां पर बीजेपी कमजोर रही है। हालांकि अभी तक इस मुद्दे पर बीजेपी के कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन वाली सरकार है और दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उपमुख्यमंत्री हैं। बता दें कि नूंह दंगों के बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि शोभा यात्रा पर रोक लगनी चाहिए। इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने कोई बयान नहीं दिया था।