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दुष्कर्म में 20, मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा, 90 दिन में चार्जशीट… जानिए नए कानून के बाद क्या-क्या बदलेगा
अमित शाह ने कहा कि गुलामी की निशानी से भरे हुए कानूनों को हम हटा रहे हैं और दंड देने वाले नहीं, बल्कि न्याय दिलाने वाले कानून हम ला रहे हैं।
नई दिल्ली
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में सीआरपीसी अमेंडमेंट बिल पेश किया। इस बिल को पेश करते वक्त अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों के वक्त में बनाए गए पुराने कानूनों में बदलाव होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि चार साल तक इन कानूनों पर गहन चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि गुलामी की निशानी से भरे हुए कानूनों को हम हटा रहे हैं और दंड देने वाले नहीं, बल्कि न्याय दिलाने वाले कानून हम ला रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आईपीसी 1860, सीआरपीसी 1898, इंडियन एविडेंस एक्ट 1872, कानून अंग्रेजो द्वारा ले गए थे। इनको हटाकर अब भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 कानून लाए गए हैं।
जानिए क्या होंगे बदलाव
- अमित शाह ने जिन विधेयक को पेश किया है, उसके अनुसार आप सीआरपीसी में 356 धाराओं की मौजूदगी होगी, जबकि पहले यहां पर 511 धाराएं होती थी।
- सबसे महत्वपूर्ण तीन बड़ी बातें हैं। इसमें यह है कि 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ यौन शोषण यानी नाबालिक के साथ यौन शोषण मामले में मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा जाएगा।
- वहीं अब गलत पहचान देकर यौन संबंध बनाने वाले मामले को भी अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा। अमित शाह के ऐलान के बाद अब गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल या आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी।
- नए कानून के पेश होने के बाद अब मॉब लिंचिंग में भी सजा का प्रावधान किया जाएगा। मॉब लिंचिंग मामले में अब 7 साल तक की सजा हो सकती है। आगे अमित शाह ने बताया कि केंद्र मॉब लिंचिंग के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान करने पर विचार कर रही है।
- नए विधेयक के अनुसार अगर जुर्म किसी भी इलाके में हुआ हो तो देश के किसी भी हिस्से में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। वहीं अगर सरकारी कर्मचारी के खिलाफ कोई मामला दर्ज है, तो 120 दिनों के अंदर अनुमति देना जरूरी है।
- इसके अलावा अमित शाह ने कहा कि जो भी भगोड़े देश के बाहर है, उनके खिलाफ भी सुनवाई होगी और उन्हें भी सजा सुनाई जाएगी। साथ ही घोषित अपराधियों की संपत्ति भी कुर्क की जाएगी और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
First published on: 11-08-2023 at 17:18 IST