तीस्ता सीतलवाड़ को मिली गिरफ्तारी से राहत, सुप्रीम कोर्ट ने HC के आदेश पर लगाई रोक
Teesta Setalvad Case: गुजरात हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को शीर्ष अदालत (Supreme Court) से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक तरफ हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, तो वहीं दूसरी तरफ तीस्ता को एक हफ्ते की अंतरिम राहत दे दी है, यानी कि उनकी गिरफ्तारी 7 दिन तक नहीं हो पाएगी।
जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को हाई कोर्ट ने तीस्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, उन्हें तुरंत सरेंड करने के लिए कहा गया था। उस आदेश के खिलाफ तीस्ता सुप्रीम कोर्ट गई थीं जहां पर अब देर रात सुनवाई हुई और उन्हें ये बड़ी राहत दी गई। बताया जा रहा है कि तीन जजों की बेंच ने इस अहम मुद्दे पर सुनवाई की और फिर तीस्ता को एक हफ्ते की अंतरिम राहत दे दी गई। अभी तक सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तीस्ता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
तीस्ता को कैसे मिली सुप्रीम राहत?
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की बात करें तो तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर शनिवार को तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. सुनवाई शाम 9.15 पर शुरू हुई. जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के सामने मामले को रखा गया.
तीस्ता सीतलवाड़ पर साल 2002 के गोधरा दंगों के मामले में तत्कालीन गुजरात सरकार के उच्च पदाधिकारियों को फंसाने के लिए कथित रूप से फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप है। उन पर दर्ज मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
दरअसल, गुजरात हाई कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा था। गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ तीस्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं। सुप्रीम कोर्ट ने 6:30 सुनवाई का वक्त दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस ए एस ओक और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने की।
सुनवाई के दौरान जानिए तीस्ता के वकील ने क्या कहा?
सुनवाई को दौरान एडवोकेट सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों और आदेश का हवाला देते हुए राहत की गुहार लगाई। इस दौरान गुजरात सरकार के वकील ने भी अपनी दलील दी। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि हमें आदेश को देखना पड़ेगा। सोमवार को सुनवाई हो तो क्या? तीस्ता के वकील ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो हमारे मुवक्किल को सरेंडर करना होगा और उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कोर्ट ने क्या कहा?
तीस्ता के वकील का तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, ‘अगर मामले की सुनवाई सोमवार को हुई तो आसमान नहीं गिरने वाला। कोर्ट ने आगे कहा कि वो नौ महीने से जमानत पर थीं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा कि तीस्ता ने गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ की। गुजरात सरकार ने कहा कि तीस्ता ने सभी संस्थानों को धोखा दिया और लोगों को बदनाम किया। तीस्ता ने न्यायिक प्रकिया को गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। तुषार मेहता ने कहा कि तीन जजों की बेंच ने कहा था कि तीस्ता ने गवाहों को सिखाया है।
गुजरात दंगों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार की गईं तीस्ता सीतलवाड़ पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। जिसके बाद उन्हें अहमदाबाद की साबरमती महिला जेल से रिहा किया गया। इसी के साथ कोर्ट ने कहा था कि उनकी रेगुलर बेल पर हाई कोर्ट फैसला सुना सकता है। फिलहाल के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई है। अपने आदेश में कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया था कि तीस्ता को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना पड़ेगा। जब तक हाई कोर्ट से उन्हें रेगुलर बेल नहीं मिल जाती, वे देश के बाहर नहीं जा सकती।
तीस्ता पर आरोप- गवाहों को भड़काया था
तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप है कि उन्होंने गवाहों को भड़काया था। शीर्ष अदालत ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री (नरेन्द्र मोदी) को क्लीन चिट दिए जाने की SIT रिपोर्ट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ अपने स्वार्थ सिद्ध करने में जुटी रहीं। कोर्ट ने संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार की ओर से झूठा हलफनामा दायर किए जाने का भी जिक्र किया था।
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़
तीस्ता सीतलवाड़ का जन्म महाराष्ट्र में 1962 में हुआ। वह मुंबई में पली बढ़ी और मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। उनके पिता अतुल सीतलवाड़ वकील थे। उनके दादा एमसी सीतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे। तीस्ता सीतलवाड़ ने अपनी कानून की पढ़ाई बीच में छोड़कर पत्रकारिता की ओर कदम बढ़ाए। बतौर रिपोर्टर उन्होंने कई अखबारों में काम किया। उन्होंने पत्रकार जावेद आनंद से शादी की और आगे चलकर कुछ लोगों के साथ मिलकर सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस नामक NGO की शुरुआत की। तीस्ता सीतलवाड़ को साल 2007 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। पद्मश्री के अलावा उनको साल 2002 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।