डीएचएफएल का ठगीकांड: फर्जी लोन खाता मामले में फंसे प्रमोटर्स ने पीएम आवास योजना में गड़बड़ी कर 1,880 करोड़ कमाए, सीबीआई ने केस दर्ज किया
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- डीएचएफएल प्रधानमंत्री आवास योजना योजना अद्यतन; प्रमोटर कपिल धीरज वधावन 1,880 करोड़ का प्रॉफिट होम लोन पेपर्स
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दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवान के खिलाफ सीबीआई ने बुधवार को केस दर्ज किया है। उन पर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में गड़बड़ी कर 1,880 करोड़ रुपये का फायदा कमाने का चार्ज है। इसके लिए होम लोन के फर्जी डॉक्यूमेंट बनाए गए। दोनों भाई अभी तक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं।
सीबीआई के मुताबिक, कपिल और धीरज वाधवान ने होम लोन खातों से जुड़े फर्जी पेपरैट बनाए रखा। इसके तहत 11,755 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया। इसमें से 1,880 करोड़ रुपये ब्याज की तय के तहत हासिल कर रहे हैं। यह राशि उन्हें मिलनी चाहिए थी, जिन्होंने होम लोन लिया था।
DHFL पर ढाई लाख से ज्यादा फर्जी खाता खोलने का चार्ज
- पिछले साल ही इंश्योरेंस और टैक्स का काम देखने वाली फर्म ग्रांट थार्टन ने फॉरेंसिक रिपोर्ट जमा की थी। इसमें सामने आया डीएचएफएल ने हजारों फर्जी लोन खाता बनाए रखा। वर्ष 2007 से 2019 के बीच में कुल 2,60,315 फर्जी खाते बनाए गए। इसके बाद मुंबई की कंपनी में 11,755 करोड़ रुपये डिपॉजिट किए गए।
अंतिम रिपोर्ट में लगभग 91 ऐसी फर्जी यूनिट के बारे में जानकारी सामने निकलकर आई है। यह भी पता चला कि ये लोन को जारी करने से पहले किसी भी तरह की सिक्योरिटी या कोटोरल तक ग्रांट नहीं किया गया था।
पीएम आवास योजना के तहत सरकार घर बनाकर देती है
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का लक्ष्य देश के सभी लोगों को घर उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकार ने 2022 तक बेगर लोगों को घर देने की योजना बनाई है। योजना के तहत सरकार घर बनाकर देती है। साथ ही उन्हें साफ मिलते हैं जो लोग लोन पर घर या फ्लैट खरीदते हैं। यह कम और मिडिल इनकम ग्रुप में आने वाले लोगों को मिलता है। यह क्रेडिट लिंक्ड ब्याज राशि होती है। इसमें 3 से 6.5% तक वार्षिक की होती है।
2015 में आवास योजना शुरू हुई थी केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की था। योजना को 3 चरणों में बांटा गया है। योजना का पहला चरण जून 2015 में शुरू हुआ, जो मार्च 2017 में खत्म हो गया। दूसरा चरण अप्रैल 2017 से शुरू हुआ और मार्च 2019 में खत्म हो गया। तीसरा और अंतिम चरण अप्रैल 2019 में शुरू हुआ और मार्च 2022 तक खत्म हो जाएगा।