खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना, रिलीफ कैंप में बदले जा सकते हैं स्कूल, CM केजरीवाल ने बताया पूरा एक्शन प्लान
दिल्ली में बारिश तो थम गई है, लेकिन यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस समय आलम ये है कि पहली बार राजधानी में यमुना का स्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है, यानी कि इससे पहले उस लेवल पर नदी को नहीं देखा गया था। अब बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनकी तरफ से अपील की गई कि जो भी लोग यमुना के पास रह रहे हैं, वे तुरंत रिलीफ कैंप चले जाएं।
केजरीवाल ने खतरे पर क्या बोला?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना का जलस्तर 207.71 मीटर पहुंच गया है, ये अब तक का सर्वधिक है। पिछले दो-तीन दिनों से दिल्ली में बारिश नहीं हुई है, लेकिन हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से लगातार पानी आ रहा है। इसी वजह से मैंने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिख दिया है। उनसे अपील की है कि पानी के फ्लो को कुछ कम किया जाए जिससे यमुना को ओवरफ्लो होने से रोका जा सके। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे अगर यमुना के पास रह रहे हैं तो अपने घर छोड़ दें। इस समय कई इलाके प्रभावित बताए जा रहे हैं।

स्कूल बनेंगे रिलीफ कैंप?
स्थिति कितनी विकराल है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि जरूरत पड़ने पर स्कूलों को भी रिलीफ कैंप में बदलने की बात हो रही है। इस बारे में भी सीएम केजरीवाल ने कहा कि सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर स्कूल को भी रिलीफ सेंटर में बदला जा सकता है। लोगों की जिंदगी बचाना इस समय सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में अमित शाह से कहा हथिनीकुंड से सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जाना चाहिए, ताकि यमुना का जलस्तर और न बढ़े। दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन होना है, ऐसे में अगर दिल्ली में बाढ़ आती है तो इससे दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। वैसे केजरीवाल के अलावा सभी मंत्री भी इस समय जमीन पर सक्रिय दिख रहे हैं।

हिमाचल में स्थिति विस्फोटक
दिल्ली के जलमंत्री सौरभ भारद्धाज ने मीडिया को बताया कि दिल्ली सरकार स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हम हालात पर नजर रख रहे हैं और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अब कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति कब तक सामान्य हो पाएगी, अभी स्पष्ट नहीं। अब दिल्ली में तो फिर भी बारिश रुक चुकी है, लेकिन पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में अभी भी घतरा टला नहीं है। वहां बारिश भी जारी है और पहाड़ भी दरक रहे हैं। कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। हिमाचल के मुख्यमंत्री तो मांग कर चुके हैं कि इस बारिश को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया जाए।