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ओवैसी ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे:बोले-हमास युद्ध, जी20 के नेतृत्व में पीएम की जिम्मेदारी

राजएक घंटा पहले

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हैदराबाद में आयोजित सार्वजनिक बैठक में सोसासी ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे लगाए। - दैनिक भास्कर

हैदराबाद में आयोजित सार्वजनिक बैठक में सोसासी ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे लगाए।

इजराइल-हमास युद्ध के बीच भारत में कई लोग फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। समर्थन करने वालों में एक AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी हैं। ओसाइ ने कहा- इजराइल गाजा में जो कर रहा है वह नरसंहार है। पीएम मोदी को यह युद्ध रोकने का प्रयास करना चाहिए।

जी20 के प्रमुखों में से एक भारत के प्रधानमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी है कि वह युद्धविराम करवाएं। वहाँ एक मैरीमैन पुरातात्विक संग्रहालय थे, ताकि फिलिस्तीनियों को राहत मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके।

ओसाज़ी ने यह बातें सोमवार रात पार्टी कार्यालय में फिलिस्तीन में इजराइल के विद्रोहियों के विरोध में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में कही। इसमें भारी संख्या में लोग इकठ्ठा हुए। इस दौरान मौलाना ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे भी लगाए।

ओवैसी की बैठक में इजराइल का विरोध, फिलिस्तीन का समर्थन
ओसाइ की सार्वजनिक बैठक में कई प्रस्ताव पारित किये गये, जिसमें उन्होंने फिलिस्तीनियों का समर्थन किया और इजराइल द्वारा उनकी जमीन पर कब्ज़ा करने का विरोध किया।

एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया था कि इज़राइल को 1992-93 में ओस्लो अकादमी का सम्मान करने के अलावा अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र का समर्थन करना चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि इजराइल को गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक, येरूशलम और 1967 में अपने व्यवसाय से पहले सभी इलाकों पर अपना कब्जा खत्म करना होगा। इजराइल को अब एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलीस्तीनी राज्य का गठन नहीं होना चाहिए।

ओझा बोले- भारत को करना चाहिए फिलिस्तीन का समर्थन
एक अलग प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत को फिलिस्तीन के लोगों को विरासत का सम्मान जारी रखना चाहिए। ओशोसी ने कहा- हम भारत सरकार से कहते हैं कि उन्हें महात्मा गांधी की बात याद आती है, फिलीस्तीन फिलिस्तीनियों का है, जैसे इंग्लैंड के मुसलमानों का और फ्रांसीसियों का है।

भारत सदैव रंगभेद और उपनिवेशवाद के साथ खड़ा रहा है और एकता ने काम किया है, वह दक्षिण अफ्रीका हो, इंडोनेशिया हो या फिलीस्तीन।

इजराइल-हमास जंग के बीच भारत सरकार का क्या है रुख…
इजराइल-हमास के बीच 7 अक्टूबर को जंग शुरू हुई थी। इस जंग के बीच भारत सरकार पूरी तरह से इजराइल का समर्थन कर रही है। पीएम मोदी ने कहा था कि संकट की घड़ी में हम इजराइल के साथ एकजुटता से जुड़े हुए हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इजरायल पर हमास के हमलों को लेकर भारत का रुख साफ है, भारत इसे एक आतंकवादी हमले के रूप में देखता है।

उन्होंने कहा, ‘जहां तक ​​फिलीस्तीन का सवाल है, भारत ने संप्रभु और स्वतंत्र देश की स्थापना के लिए फिलीस्तीनियों के अस्तित्व के लिए हमेशा सहमति प्राप्त सीमा के जरिए बातचीत की है।’

भारत ने गाजा में रहने वालों के लिए पवित्र राहत सामग्री

भारत ने 32 हजार किलो जरूरी सामान गाजा भेजा। पीएम मोदी ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से भी की बात.

भारत ने 32 हजार किलो जरूरी सामान गाजा भेजा। पीएम मोदी ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से भी की बात.

7 अक्टूबर से इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच भारत ने रविवार को गाजा में रहने वाले नागरिकों की सहायता के लिए दवाइयाँ और अन्य सामान भेजा है। प्रमुख लेकर ओसाइ ने कहा- भारत सहायता भेजी जा रही है। लेकिन, इजराइल कह रहा है कि वो इसका फायदा नहीं उठाएगा। हम राफा, मिस्र के माध्यम से गाजा को सहायता के लिए प्रस्थान की बात कर रहे हैं। हमारा विमान यहां से जा चुका है।

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फिलीस्तीन का समर्थन करने पर कांग्रेस पर भड़के असम सीएम, कांग्रेसी भारत में सरकार बनाना चाहते हैं कि पाकिस्तान में

कांग्रेस ने 9 अक्टूबर को दिल्ली में पार्टी वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान इजराइल में हमास पर हमले पर फिलिस्तीन का समर्थन किया था। प्रतिपक्ष लेकर बीजेपी कांग्रेस कांग्रेस को घेर रही है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- कांग्रेस को हमास के खिलाफ हमले की निंदा करनी चाहिए थी और फिर फिलिस्तीन के बारे में बोलना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर…

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