एनसीईआरटी की स्टोरी में भारत को भारत बनाने की सलाह:हिंदू योद्धाओं की जीत की कहानियां शामिल करने का सुझाव भी दें
नई दिल्ली34 मिनट पहले
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अगर एनसीईआरटी की स्टोरी में इंडिया को भारत कर दिया गया है तो थीम्स इंडियन क्रॉनिकल्स पार्ट-3 की किताब में कुछ ऐसा ही दिख सकता है।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की किताब में जल्द ही भारत की जगह भारत लिखा नजर आ सकता है। असल में, एनसीईआरटी अपने सिलेबस में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव कर रही है। इसके लिए 19 सदस्यों की एक समिति बनाई गई थी।
इस समिति ने भारत के बजाय भारत का नाम इंडिया के नाम की सिफारिश की है। साथ ही सिलेबस से लेकर प्राचीन इतिहास, क्लासिकल क्लासिकल दृश्यों और हिंदू योद्धाओं की जीत की तस्वीरों को शामिल करना है।
मीडिया इतिहासकार के अनुसार, समिति के अध्यक्ष सीआई आईजैक ने 25 अक्टूबर को बताया था कि भारत के रहस्य विष्णु पुराण जैसे ग्रंथ हैं, जो 7 हजार साल पुराने हैं। इंडिया नाम का प्रयोग आम तौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद शुरू हुआ। ऐसे में देश के लिए भारत नाम का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

सिलेबस में शास्त्रीय अनुक्रम में तर्क के पीछे शामिल है
आईजैक ने एनसीईआरटी के सिलेबस में क्लासिकल क्रिएशन को शामिल किया, जिसमें तर्क दिया गया-बिज्जू ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बाँट दिया। प्राचीन इतिहास बताता है कि उस देश में अंधेरा था, वैज्ञानिक जागरूकता नहीं थी। हमारा सुझाव है कि बच्चों को मध्यकाल और आधुनिक इतिहास के साथ-साथ शास्त्रीय काल का भी अध्ययन करना चाहिए।
मनोज झा बोले- दादा का किरदार देखकर हैरान हूं
सामूह्य मनोज डेमोक्रेट झा ने कहा कि मैं सरकार के तहत आने वाले का किरदार देखकर हैरान हूं। जब से इंडिया अलायंस बना हूं, तब से लेकर ग्रुप तक के अजीब पहलू आ रहे हैं। वे तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि इंडिया अलायंस का मुकाबला कैसे होगा। अब एनसीईआरटी में इंडिया को डेट इज इंडिया बनाने की बात हो रही है, लेकिन आप जो कहते हैं कि इंडिया डेट इज इंडिया है वह क्या कहेंगे। मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि इसका क्या मतलब है। अगर इंडिया अलायंस अपना नाम स्मृति भारत रखता है तो वे क्या करेंगे।
भारत बनाम भारत पहले भी चर्चा में रहे…
5 सितंबर: G20 डायनर इनोवेशन कार्ड पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा

इस कार्ड का नाम आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राहुल चड्ढा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई थी जब राष्ट्रपति भवन की तरफ से जी20 के समर्थकों ने भारत के राष्ट्रपति की जगह डिनर के इनोवेशन कार्ड की मांग की थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

पिछले साल नवंबर में इंडोनेशिया के बाली में हुई G20 समिति में देश का नाम इंडिया लिखा था। इस साल इस इवेंट में देश का नाम भारत लिखा गया।
5 सितंबर: भारत के प्रधानमंत्री मोदी के इंडोनेशिया टूर के कार्ड लिखा
इसी दिन मोदी के इंडोनेशिया दौरे की घोषणा के पत्र में भारत की जगह भारत का नाम भी लिखा है। पीएम के इस दौरे के कार्यक्रम से बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक कार्ड साझा किया। जिसमें ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया’ लिखा हुआ नजर आया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
6 सितंबर: पीएम ने कहा- भारत-भारत विवाद पर न बोलें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (6 सितंबर) को केंद्रीय मंत्री परिषद के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बोलो गणितज्ञ से कहा कि वे भारत बनाम भारत के विवाद पर नहीं हैं। साथ ही G20 समिति पर विशेष व्यक्ति के अलावा कोई भी मंत्री का बयान नहीं दे। पूरी खबर यहां पढ़ें…
रिपब्लिकन एलायंस इंडिया के संस्थापक के बाद विवाद शुरू हो गया

बेंगलुरु में 18 जुलाई को रिपब्लिक एलायंस की बैठक हुई थी। इसमें गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया था। टैगलाइन थी ‘जीतेगा भारत’।
इंडिया नाम को लेकर विवाद तब से शुरू हुआ जब 28 कलाकारों की टीम ने मिलकर एक गठबंधन बनाया। एलायंस की पहली बैठक 18 जुलाई को हुई थी। इसमें एलायंस का नाम इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलेमेंटल इनक्लूसिव एलायंस) रखा गया था। इसके बाद भाजपा की उम्मीदवारी पर धावा बोल दिया गया। मोदी ने भारत की जगह इसे घमंडिया गठबंधन का नाम दिया। इसी तरह के पोर्टफोलियो में शामिल पाटर्वार ने ऐसा क्यों कहा कि बीजेपी को भारत का नाम लेने से इतनी परेशानी होती है।
भारत शब्द का उत्पत्ति
पौराणिक काल में भरत नाम के अनेक सन्दर्भ मिलते हैं। जैसे- राजा दशरथ के बेटे और राम के छोटे भाई भरत। नाट्यशास्त्र की रचयिता भरतमुनि, पुरुवंश के राजा योद्धा और शकुंतला के पुत्र भरत सरोवर महाभारत में भी हैं। महाभारत काल में भारत को सेल का सर्वश्रेष्ठ राजा घोषित किया गया था।
पौराणिक कथाओं के आधार पर भारत के नाम के पीछे पौराणिक कथाओं के पुत्र भरत का ही ज़िक्र आता है। ऋग्वेद की एक शाखा ऐतरेय ब्राह्मण के भी पुत्र भरत के नाम पर ही भारत का जन्मस्थान का तर्क है।
इसमें भारत को एक मित्र राजा यानी उत्तर दिशा को जीतने वाला कहा गया है। ऐतरेय ब्राह्मण में यह भी उल्लेख है कि भरत ने अश्वमेध यज्ञ के बाद चारों दिशाओं को प्राप्त किया, जिससे उनका राज्य भारतवर्ष में स्थापित हुआ।

देश के कई नाम, भारत सबसे अधिक प्रचलित
प्राचीनकाल से भारत के अलग-अलग नाम रह रहे हैं। जैसे जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, भारत, आर्यावर्त, हिन्द, हिंदुस्तान और भारत। हालाँकि इनका सबसे प्रचलित नाम भारत है।