सिनेमा के कदम
सम्मान के कारण भारतीय फिल्म उद्योग में स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा और भारत की अप्रदर्शित फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिसमें भारत की समसामयिक झलक देखने को मिलेगी।
कान फिल्म फेस्टिवल, फ्रांस में भारत को ‘कंट्री आफ आनर’ के रूप में आमंत्रित किया जाना निस्संदेह गर्व का विषय है। भारत और फ्रांस के राजनयिक संबंधों की पचहत्तरवीं वर्षगांठ पर भारत को दिया गया यह सम्मान दोनों देशों के परस्पर सहयोग और समन्वय को रेखांकित करता है। इस घोषणा के समय भारतीय प्रधानमंत्री की पेरिस यात्रा दोनों देशों के आपसी संबंधों को बढ़ाने की महत्त्वपूर्ण कड़ी है।
इस सम्मान के कारण भारतीय फिल्म उद्योग में स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा और भारत की अप्रदर्शित फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिसमें भारत की समसामयिक झलक देखने को मिलेगी। 22 मई का दिन भारत के लिए समर्पित होगा, जिसमें भारत के सिनेमा जगत, उद्योग जगत, भारत की संस्कृति और विविधता को विश्व के समक्ष रखने का एक बड़ा अवसर मिलेगा। इस से भारतीय सिनेमा के लिए वितरण, बाजार, उत्पादन, सिनेमैफोटोग्राफी और तकनीकी क्षेत्र के नए आयाम खुलेंगे।
वीरेंद्र कुमार जाटव, देवली दिल्ली