सत्ता पक्ष बनाम निर्णय: सत्ता पक्ष की आक्रामक रणनीति के सामने विरोधी तीरों की धार समाप्त
भास्कर ओपीनियनसत्ता पक्ष बनाम प्रमाण:सत्ता पक्ष की आक्रामक रणनीति के विपरीत विरोधी तीरों की धार समाप्त

राजनीति सांकेतिक और संयोगों के भरोसे नहीं, बल्कि तथ्यों और तर्कों के आधार पर प्रसारित किया जाएगा। झूठ के जवाब में प्रत्यारोप, वर्तमान के जवाब में इतिहास को लाना आज का चलन हो गया है। इतिहास से याद आया- जब विश्वनाथ प्रताप सिंह ने कहा था कि बोफोर्स घोटाले के सबूत मेरे कोट की निचली जेब में पड़े हैं तो पूरे देश ने यकीन कर लिया था कि सबूत जरूर होंगे।
आज या कांग्रेस की ओर से अडाणी को लेकर सरकार पर कई आरोप जा रहे हैं, लेकिन इन पर कितने लोग भरोसा कर रहे हैं, यह अन्वेषण का विषय है। हो सकता है कि आरोप सही हों, लेकिन कौन, कब, किसी निश्चित विषय में किस तरह से अपनी बात कह रहा है, यह भी महत्वपूर्ण हो जाता है। तब वीआर सिंह की बात पर सब भरोसा था। हालाँकि जांच के बाद मामला नहीं निकला, जैसा कि कहा गया था, लेकिन उस ज़ब्ती को शैमियाज़ा राजीव गांधी सरकार को जकड़ना पड़ा था।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 90 मिनट तक बोले, इस चेतावनी के बावजूद लगातार नारेबाजी करते रहे।
दरअसल, जब राजीव गांधी ने वीपी के हमलों का जवाब दिया तो वे अपने ही जवाब में फंस गए थे। वास्तव में, वे सत्तर के मूड में थे। जब कोई स वाईफाई देता है तो कुछ तो कमजोर नजर आता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन में दो बार संसद में भाषण दिया। सोमवार को सोमवार और गुरुवार को राज्यसभा में।
वे राजीव गांधी के विपरीत अडाणी शब्द अपने ज़ुबान पर तक नहीं दिखते। मोदी जी के मूड में नहीं थे। इसलिए कमजोर नहीं बल्कि आक्रामक नजर आई। वे बड़ी चतुराई से कांग्रेस के ही नहीं, सभी के हौसलों को पास करने की कोशिश की।
उन्होंने इतिहास खंगाला और कहा- जो लोग आज हम पर आरोप लगा रहे हैं उन्हें साठ साल के अपने नाम में भी देख लेना चाहिए। कांग्रेस के राज में 90 बार लेखा-जोखा 356 का उपयोग/दुरुपयोग हुआ। यह खाता है जिसका उपयोग कर राज्यों को हटा दिया जाता है या हटा दिया जाता है। अलोन इंस्पिरेशन गांधी ने इस अकाउंट का 50 बार उपयोग किया था।
बाकी अन्य लोगों पर भी तंज कसा। कहा- जब केरल में वामपंथी सरकार बनी तो उसे हटाओ? कांग्रेस ने। जब शरद ऋतु महाराष्ट्र के बने रहें तो उन्हें हटा दिया गया है? कांग्रेस ने। तमिलनाडु में एमजी रामचंद्रन और एम करुणानिधि वाले कौन हटाते हैं? कांग्रेस ने। … और हैरत की बात यह है कि ये वामपंथी, ये शरद ऋतु साहब, और ये द्रवमुक वाले आज उसी कांग्रेस के साथ बैठे हैं।

बुधवार को पीएम मोदी ने सातवीं सदी में तंज कसा।
कुल मिलाकर अडाणी का नाम लिए बग़ैर दूसरे दिन भी मोदी ज़िम्मेदार पर ही हमलावर रहे। उतनी ही कीचड़ मच जाएगी, उतनी ही उतनी ही ध्वनि होगी। बहरहाल, सत्ता पक्ष ने अपनी आक्रामक रणनीति के साथ संबंधों के तीरों की धार समाप्त कर दी। अब यह कैसे देखें कि अडाणी मामले को आगे किस ओर ले जाता है?