विदेश मंत्री जय शंकर बोले
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- एस जयशंकर बोले- चीन ने 1962 में हमारी जमीन पर कब्जा किया, विपक्ष ने ऐसे दिखाया जैसे कल हुआ हो
फड़15 मिनट पहले
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सिंधुरा जल संधि के सवाल पर जयशंकर ने कहा- पाकिस्तान में इस समझौते को लेकर क्या स्थिति है, इसके बारे में सबके सामने कुछ भी कहने का हक मुझे नहीं है। -फाइल फोटो
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सचेत पर ध्याना। मीडिया ने किया सवाल कि भारत की जमीन पर चीन का कब्जा होने का दावा करता है। इस पर विदेश मंत्री ने कहा- यह कब्जा हाल में नहीं हुआ, बल्कि साल 1962 में हुआ था।
जयशंकर ने कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया, बल्कि कहा- वे (विपक्ष) आपके दावे नहीं हैं, वे ऐसे दिखाते हैं जैसे भारत की जमीन पर कब्जा कल-परसों हुआ हो। इस जमीन पर चीन ने 1962 में कब्जा कर लिया था।
राहुल गांधी का नाम बग की टिप्पणी के लिए
जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और चीनी राजदूत से कथित संपर्क को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत की जमीन पर चीनी कारोबार को लेकर अगर उनकी जानकारी में कोई कमी है तो वे दोष या फिर इंटेलिजेंस से बात करेंगे। उन्होंने कहा- मैं चीनी राजदूत को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।
प्रवासब है कि मई 2022 में नेपाल के एक पब का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें राहुल एक चीनी महिला के साथ नजर आ रहे थे। यह दावा किया गया था कि यह महिला नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी हैं। हालांकि बाद में कई वेबसाइटों की फैक्ट चेक रिपोर्ट में बताया गया कि वह महिला नहीं है।

राहुल गांधी नेपाल के प्रसिद्ध पब लॉर्ड ऑफ ड्रू (LOD) में अपने दोस्तों के साथ गए थे।
सिंधुरा जल एकेडो पर बोलने से मना किया
जयशंकर ने सिंधुरा जल संधि से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा- पाकिस्तान में इस समझौते को लेकर क्या स्थिति है, इसके बारे में सबके सामने कुछ भी कहने का हक मुझे नहीं है। यह उनका टेक्निकल मैटर है। दोनों ही देशों के अधिकारी सिंधु जल संधि को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
भारत ने सितंबर 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार भारत इस समझौते को लागू करने के लिए हमेशा से प्रतिबद्ध रहा है, लेकिन पाकिस्तान की मनमानियों की वजह से इस संधि पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि भारत, पाकिस्तान को नोटिस जारी करने पर मजबूर हुआ है। पूरी खबर पढ़ें…
विदेशी अखबारों के लिए हम ‘हिंदू राष्ट्रवादी सरकार’
जयशंकर ने कहा कि विदेशी अखबार भारत सरकार के लिए ‘हिन्दू राष्ट्रवादी’ जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा- अमेरिका और यूरोप की रोवर्स को कभी ईसाई राष्ट्रवादी नहीं कहा जाता। ऐसे शब्द केवल हमारे लिए ही प्रयोग किए जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा- अगर हम पिछले 9 सालों को देखें, तो इसमें कोई संशय नहीं है कि आज की सरकार और राजनीति दोनों ही राष्ट्रवादी है। इसमें कुछ गलत नहीं है। विदेशों में राष्ट्रवादी लोग ही अपने देशों को आगे बढ़ाते हैं और बुरे हालात का अनुमान लगाते हैं।
भारत की तुलना पांडवों से की
जयशंकर ने पाकिस्तान पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए भारत की तुलना पांडवों से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह पांडव अपनी स्टेटस का चुनाव नहीं कर सकते थे, उसी तरह हम भी पड़ोसी देश का चुनाव नहीं कर सकते। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि उनकी समझ बेहतर हो।
भारत और चीन के बीच तनातनी जारी
एक प्राथमिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की वजह से पूर्वी सूचना के 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट ऐसे हैं, जहां भारतीय सैनिक गश्त नहीं कर पा रहे हैं। यह रिपोर्ट लेह-लद्दाख के एसपी पीडी नित्या ने पिछले दिनों एक विस्तारित में पेश की थी। इस असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे।

भारत ने एक महीने पहले ही यह आरोप लगाया था कि चीन एकतरफा तौर पर इलाके में बदलाव की कोशिश कर रहा है।
मैंने कोई जमीन नहीं खोई
इस रिपोर्ट के बारे में सबसे पहली जानकारी हिंदू अखबार ने दी थी। द हिंदू इंटरेक्शन में डिफेंस से जुड़े एक सूत्र ने कहा- हमने अपनी जमीन का कोई हिस्सा नहीं छोड़ा। कुछ आतंकी ऐसे जरूर हैं जहां दोनों ही देशों के सैनिक गश्त नहीं कर रहे हैं। जिन सेक्टरों से पीछे हटने का समझौता हुआ था वहां हमारे भी कई कैमरे लगे हैं।
इन क्षेत्रों में सेना सिविल प्रशासन के साथ काम कर रही है। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त के सामने आई है, जब एक महीने पहले ही भारत ने आरोप लगाया था कि चीन एकतरफा तौर पर इलाके में हरकत की कोशिश कर रहा है।
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