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राजनीति:कांग्रेस पर बरसे मोदी, खडगे के पाखंड कर्नाटक की सहानुभूति बटोरी

भास्कर ओपीनियनराजनीति:कांग्रेस पर बरसे मोदी, खडगे के गुट कर्नाटक की सहानुभूति बटोरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक फ़ायदे लेने में माहिर हैं। वे चौबीस घंटे के राजनेता हैं। इसलिए नहीं कि कांग्रेस लेटेल्ड है बल्कि इसलिए कि मोदी ने ग़रीबी का वो स्वाद चखा है जिसमें चूल्हा फुकने से लेकर जो पहनावा है उसे धोकर वापस पहनने की मजबूरी तक शामिल हैं।

मोदी इसलिए महान नहीं हैं क्योंकि राहुल के जीवन की दुश्वारियां नहीं पता हैं या राहुल ये नहीं जानते कि रोटी कैसे बनती है? उसके लिए संदिग्ध होने की संभावना है। और वो आटा दिखता है? या वो आटा कैसे बनता है? खेत में पिसकर बनता है या सीधे खेत में ही उगता है? अगर खेत में ही उगता है तो शामिल पानी कहां से आता है? या वो पानी वाष्पित क्यों नहीं होता? अपराधबोध तक पहुँचना कैसे है? मोदी इसलिए महान नेता हैं कि वे दुखी हैं और रोटी बनने की पूरी प्रक्रिया को जीया है।

प्रधान मंत्री ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के 80वें जन्मदिन पर बधाई दी और झुककर उन्हें स्वीकार किया।

प्रधान मंत्री ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के 80वें जन्मदिन पर बधाई दी और झुककर उन्हें स्वीकार किया।

इस देश में वही नेता चल सकता है जो आम आदमी, गरीब की, पिछड़ों की, मजबूरियाँ पता चलता है। वह लिखित नहीं है – लिखित भाषण की आदत हो! वास्तव में हम जिस चीज को स्वयं नहीं जीते हैं, जुड़ते नहीं, उस सब को लिखे हुए भाषण की तरह कुछ भी पढ़ लें, वो भाव नहीं आता। आता भी है तो इस देश का आम आदमी उस भाव को आत्मसात नहीं कर पाता। भोगे हुए, मोटे लोगों के मन से चीजें जब बनती हैं तो वह दुख या सुख बहुत कुछ अपना-सा लगता है।

यही फ़र्क कांग्रेस और भाजपा में है। यही फ़र्क़ है मोदी और राहुल गांधी में। इस फ़र्क़ को जब तक कांग्रेस नहीं पाती, उसका कल्याण होना मुश्किल है। राहुल ने बीते दिन रायपुर में बड़ी भावुक भाव दिया। कहा- बावन साल हो गए, मेरे पास मेरा- अपना घर नहीं है। मोदी ने कर्नाटक किया दूसरे दिन राहुल की सभी भावुकता या भोलेपन को धोखा दिया।

उन्होंने कहा- कर्नाटक के एक बेटे मल्लिकार्जुन खडगे को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन वे केवल नाम के अध्यक्ष हैं। सब्सक्राइब कंट्रोल हाथ में है, सब जानते हैं। रायपुर में भी भरी दुपहरी में छाता बरसात सर के लिए खुला, यह सबको पता है। कम से कम खडगे साहब के लिए तो नहीं ही खुला। इससे बात अच्छी तरह समझ में आती है कि कांग्रेस में अध्यक्ष कोई भी जारी हो जाता है, इससे जुड़ा हुआ संपर्क हाथ में होता है, कहने की आवश्यकता नहीं है।

कुल मिलाकर, कांग्रेस को बीजेपी से मुकाबला करना है तो कोरी भावुकता से काम नहीं चल रहा है। जम से देखें। … और जमने से जुड़ने के लिए पक्का संघर्ष होने लगता है। वो करना ही होगा।

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