येदियुरप्पा का दावा-140 सीट जीतेगी:कांग्रेस में मुख्यमंत्री के लिए टकराव, पूछें
बैंगलोर3 घंटे पहले
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बैंगलोर में शनिवार को भाजपा कार्यकारिणी की विशेष बैठक हुई। जिनमें पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता। हम कम से कम 130-140 सीट जीतेंगे। कांग्रेस में अभी से ‘मैं हूं दिखाई’ वाला टकराव शुरू हो गया है। कांग्रेस का नेता कौन है? राहुल गांधी?
धर्मेंद्र प्रधान को बनाया गया चुनावी प्रभार
भाजपा ने विधानसभा चुनावों को लेकर धर्मेंद्र प्रधान को प्रभार और अन्नामलाई को सह-प्रभारी बनाया है। इसे लेकरदियुरप्पा ने कहा कि अन्नामलाई सक्षम नेता हैं और धर्मेंद्र सुप्रीम बहुत बुजुर्ग नेता हैं। हमारी पार्टी को चुनाव जीतने में जीत होगी।

भाजपा महासचिव ने शनिवार को धर्मेंद्र प्रधान को कर्नाटक विधानसभा चुनाव का चार्ज जारी करने के लिए पत्र जारी किया।
चुनाव विरोध नहीं कर चुके हैं येदियुरप्पा:कहा था- 80 साल का हूं, चुनाव नहीं लड़ सकता
सोमवार को येदियुरप्पा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही भविष्य में उनकी कोई चुनाव लड़ने की इच्छा है। मैं अभी 80 साल का हूं। मैं चुनाव नहीं लड़ सकता। हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे।
बता दें कि राज्य में चुनाव हो सकता है। जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, पार्टी में येदियुरप्पा की अहमियत बढ़ रही है। वे पार्टी की केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। लिंगायत समुदाय उनके साथ है। पूर्व ने कहा कि मेरा लक्ष्य 2024 में मोदी सरकार को सत्ता में वापस लाना है।

बेटे को राजनीति में अलग करना चाहते हैं येदियुरप्पा
माना जा रहा है कि येदियुरप्पा अपने बेटे बीवाई विजयेंद्र को कर्नाटक की राजनीति में अलग करना चाहते हैं। उन्होंने सबसे पहले घोषणा की थी कि विजयेंद्र हंटरपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जिसके वे प्रतिनिधि हैं। बाद में उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर अंतिम फैसला लेगी।
येदियुरप्पा 4 बार जी रहे, कभी पूरा नहीं कर पाए
येदियुरप्पा सबसे पहले 12 नवंबर 2007 को कर्नाटक के बने, लेकिन सात दिन बाद 19 नवंबर 2007 को ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 30 मई 2008 को दूसरी बार क्लिक बने। भ्रष्टाचार के गंभीर घोटाले के कारण इस बार 4 अगस्त 2011 को इस्तीफ़ा दे दिया गया। तीसरी बार 17 मई 2018 को रनवे पर बने रहें और छह दिन बाद 23 मई 2018 को इस्तीफा दे दिया गया। चौथी बार 26 जुलाई 2019 को दो साल बाद इस्तीफा दे दिया।
कर्नाटक में लिंगायत प्रभाव 100 असेंबली पर
कर्नाटक में लिंगायत समुदाय 17% के आसपास है। राज्य की पहले से आबादी पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा के लिए येदि को देखना आसान नहीं होगा। ऐसा होने का मतलब इस समुदाय के वोटों को खोना होगा।

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