महाराष्ट्र सियासी विवाद पर SC में आज भी सुनवाई: कल शिंदे गुट से कोर्ट ने कहा था
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शिंदे गुट ने कहा- शिवेसना सिर्फ एक:पार्टी के प्रमुख व्हीप बोले- सांसद-विधायकों को हमारी बात सुननी होगी; आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई
नई दिल्लीएक घंटा पहले
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एचडीएमआई नाम-निशान छिनने के बाद अब ब्रॉडबैंड ग्लू में शेष सांसद और स्वीक को लेकर विवाद शुरू हो गया है। शिंदे गुट के विधायक और महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के प्रमुख व्हीप भरत गोगावले ने कहा, ‘शिवसेना एक है। पार्टी का नाम और निशान हमारे पास है।’
गोगावले ने कहा- वाइडर ग्रुप के रुख और सांसदों को पार्टी के निर्देश का पालन करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम देखते हैं कि दो सप्ताह बाद उनके साथ क्या करने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने करार किया है कि पार्टी कम से कम दो सप्ताह तक ऐसे किसी भी नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी जो हमारे चौथे के सख्त हो जाते हैं।’
गोगावले ने बताया कि हम भी 16 दिसंबर को बीजेपी के चीफ व्हीप को बदलेंगे। दिनांक एकनाथ शिंदे जल्दी ही इसकी घोषणा करेंगे। अभी ब्लूटूथ ग्रुप के कई विधायक हैं जो हमारे साथ आना चाहते हैं। मौजूदा हम किसी के खिलाफ एक नहीं होंगे, लेकिन पार्टी का व्हिप सिर्फ इसलिए होगा कि सभी विधायक विधानसभा के सत्र में मौजूद रहेंगे।
आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बीजेपी का मूल नाम-निशान जीतने के बाद अब पार्टी पूरी तरह से अपने पाले में आने की कोशिश में जुट गए हैं। मंगलवार को शिंदे ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में विधानमण्डल पर दावा किया। शिंदे गुट के एडवोकेट एनके कौल ने कहा कि हमारे एंटी-ग्लूट कैबिनेट पर कोई गारंटी नहीं है।
इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिंदे गुट ने हमें अपने राजनीतिक आंकड़े दिखाए। सुप्रीम कोर्ट की इसी बात पर आज शिंदे गुट सीजेआई दीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस लोड शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की याचिका के सामने अपना पक्ष दायर करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के सवाल और शिंदे गुट के जवाब
सर्वोच्च न्यायालय: CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अगर हम आपकी इस दलील को मान लें तो इसके बड़े ही अजीब परिणाम सामने आएंगे। एक तरफ हमारे पास संविधान है, जो पार्टी से विद्रोह जैसे संवैधानिक पाप को खारिज कर दिया है। दूसरी ओर आप कहते हैं कि जो भी विभाजन की वजह से बनता है, उसे अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। उसी समय आप यह भी कहते हैं कि भले ही वह व्यक्ति अयोग्यता के लिए जिम्मेदार है, फिर भी वह यहोवा में ट्रस्ट वोटिंग में हिस्सा ले सकता है।’
सर्वोच्च न्यायालय: CJI ने कहा, “फ्लोर की स्थिति का परीक्षण करें इसलिए बनी हुई है, क्योंकि आवासीय का एक गुट पार्टी से अलग होने की वजह से अयोग्यता हो सकती है। पार्टी में विभाजन की राय ही जब सवालों में है तो क्या आप अयोग्यता की संभावनाओं को लाभ के लिए नहीं इस्तेमाल कर रहे हैं?’
शिंदे गुटका: एनके कौल ने कहा, “इस पार्टी में बंटवारे के मामले ही नहीं हैं। मामला यह है कि शिंदे गुट ही शिवेसना है और वह पार्टी में ऐसा विरोधी गुट हैं, जिसमें बहुमत हासिल है। केवल चुनाव आयोग ही यह फैसला ले सकता है।” कि कौन असली पार्टी है। अब चुनाव आयोग ने यह कहा है कि शिंदे गुट ही आधिकारिक शिवेसना है।’
सर्वोच्च न्यायालय: जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, “30 जून को केवल एक ही था। आपने ओरिजिनल पार्टी से मिले टिकट के लिए चुनाव लड़ा था। अगर आप कहते हैं कि आप ही असली पार्टी हैं तो आपको यह विधानसभा के बाहर करना था, सदन में नहीं।’
शिंदे गुटका: एनके कौल ने कहा, “फ्लोर टेस्ट यह दिखाने के लिए था कि ठाकरे समूह का बहुमत हार गया है। आतंरिक अजनबी की स्थिति में हम वह गुट हैं, जो मूल बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं। जहां तक फ्लोर टेस्ट की बात है तो यह केवल इसलिए है क्योंकि था कि बहुमत के पास बहुमत है या नहीं। चुनाव आयोग को फैसला करना था और उसने फैसला कर दिया है।’
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