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पुणे में बच्चों पर H3N2 वायरस का कहर:अस्पताल के आईसीयू में भर गया फुल, 5 साल से कम उम्र वाले सबसे ज्यादा पीड़ित

महाराष्ट्र के पुणे जिले में इन दिनों H3N2 वायरस बच्चों के लिए खतरा बन गया है। डॉक्टर का कहना है कि इसकी चपेट में पांच साल से कम उम्र के बच्चे आ रहे हैं। इसके चलते शहर के जोखिम में आईसीयू फुल हो गए हैं। ज्यादा पीड़ित बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। विशेषज्ञ विशेषज्ञों का कहना है कि पीड़ित बच्चों पर एंटीबायोटिक दवाओं का भी असर नहीं हो रहा है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के डेटा के अनुसार जनवरी 2013 से अब तक पुणे में कुल 2,529 सेंपल्स की जांच की गई। इसमें से 428 (लगभग 17 प्रतिशत) H3N2 वायरस संदेश मिले हैं। 15 फरवरी के बाद इसके लिए गए सेंपल्स में इस वायरस से पीड़ित बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। एनआईवी के वैज्ञानिक डॉ. वर्षा पोदार ने कहा कि ये सेंपल्स जिले में भर्ती हुए उन बच्चों के हैं जो सिवियर एक्यूट रे स्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरआई) के लक्षण थे।

सांस लेने में दिक्कत हो रही है
जिले के इलाके में पिछले 4-6 सप्ताह से आईसीयू फुल चल रहे हैं। भारती अस्पताल में पीड्रियाटिक आईसीयू का इंचार्ज डॉ भक्ति सारंगी ने कहा, हमारे अस्पताल में भर्ती बच्चों में सबसे अधिक संभावना है और बच्चों की देखभाल करते हैं। उनमें से कुछ को लिवर और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या भी हो रही थी। ऐसे में उन्हें सपोर्ट की जरूरत होती है। इनमें से ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के हैं। ज्यादातर बच्चों को सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बुखार की शिकायत थी। निमोनिया जैसे लक्षण भी हैं।

एच3एन2 संक्रमण के अलावा एडेनोवायरस के कारण भी बच्चे आईसीयू में भर्ती हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने भी की पुष्टि
दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल के इंटेंसिविस्ट डॉ. भरत पुरंदरे ने कहा, न केवल H3N2 बल्कि COVID-19 और H1N1 के मामलों में भी कारण संक्रमण हुआ है। इसके कारण सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। महाराष्ट्र के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक H3N2, जो कि इन्फ्लुएंजा A का ही एक सब टाइप के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की भर्ती हो रहे हैं।

आईसीएमआर की सर्विलांस रिपोर्ट के अनुसार सिवियर एक्यूट रे स्पिरेटरी सिंड्रोम (SARI) से पीड़ित भर्ती में से 92 प्रतिशत को बुखार, 86फीसदी को खांसी, 27 प्रतिशत को सांस फूलना, 16 प्रतिशत को घबराहट की शिकायत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 विशिष्ट लक्षणों में निमोनिया, 6 विशिष्ट लक्षणों में दौरे की शिकायत थी। 10 प्रतिशत SARI को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जबकि 7 पीड़ितों की आईसीयू में देखभाल की जरूरत है।

सहयाद्री अस्पताल के परामर्श से पीड्रियाटिसियन डॉ प्रदीप सूर्यवंशी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हमारे अस्पताल में हर दिन 3-4 मरीज भर्ती हो रहे हैं। इनमें से ज्यादातर H3N2 से दिख रहे हैं।

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