नई दिल्लीः रामदेव की कंपनी ने SBI को थमाया 2925 करोड़ का चेक, कर्जमुक्त हुई रुचि सोया तो उछला शेयर
नई दिल्लीः कंपनी ने हाल ही में FPO से 43 सौ करोड़ रुपए जुटाए थे। अपना कर्ज चुकाने के मकसद से ही कंपनी FPO लेकर आई थी।
योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी ने FPO (फॉलो ऑन ऑफर) से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल रुचि सोया का बैंक कर्ज चुकाने में किया। उनके इस कदम के चलते कंपनी अब पूरी तरह कर्ज मुक्त हो चुकी है। बाजार ने उनके इस कदम का स्वाग किया है। कंपनी के शेयर में लगभग 18 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई है।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट करके बताया कि रुचि सोया अब पूरी तरह कर्ज मुक्त कंपनी बन चुकी है। कंपनी ने सेबी को बताया था कि वह FPO से जुटाए फंड से 1950 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाएगी। उन्होंने बताया कि अब रुचि सोया ने अपना 2,925 करोड़ रुपए का पूरा कर्ज चुका दिया है। कंपनी ने हाल ही में FPO से 43 सौ करोड़ रुपए जुटाए थे। अपना कर्ज चुकाने के मकसद से ही कंपनी FPO लेकर आई थी। यह पैसा स्टेट बैंक की अगुवाई वाले कंसोर्शियम को गया है। इसमें एसबीआई के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल है।
रुचि सोया के FPO का अलॉटमेंट फाइनल होने के बाद शुरुआती कारोबार में शेयर करीब 19 फीसदी तक फिसल गया था। इससे निवेशकों में घबराहट पैदा हो गई। मंगलवार को बीएसई पर यह 875.45 रुपये के भाव पर बंद हुआ था और बुधवार को यह कारोबार की शुरुआत में 706.00 रुपये के निचले भाव पर खुला था। लोन चुकाने के बाद कंपनी के शेयरों में उछाल देखा जा रहा है। यानि रामदेव का कदम सफल रहा।
2019 में पतंजलि आयुर्वेद ने 4,350 करोड़ रुपये में रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। इस कंपनी को खरीदने की रेस में अडानी समूह भी शामिल था लेकिन बाद में पीछे हटने का फैसला लिया। उस दौरान लोगों में इस बात को लेकर आशंका थी कि संकट का सामना कर रहे रुची सोया के कारोबार को किस तरह से रामदेव की कंपनी मुनाफे में बदलेगी। लेकिन बाद के दिनों में पतंजलि को रुची सोया से काफी मुनाफा प्राप्त हुआ। रुचि सोया के बोर्ड में आचार्य बालकृष्ण चेयरमैन हैं। वहीं, योगगुरु रामदेव नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और उनके भाई राम भरत मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।