ठाकुर बोले-गलौज असुरक्षित:OTT पर जारी विषैले कंटेट को लेकर सरकार गंभीर है
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- फ्रीडम फॉर क्रिएटिविटी, न कि अश्लीलता, मंत्री अनुराग ठाकुर स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर
नागपुर2 घंटे पहले
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नागपुर में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री आकाशवाणी सिंह ठाकुर ने कहा कि क्रिएटिविटी के नाम पर गली-गलौज, संरक्षण नहीं किया जा सकता है। ओटीटी पर आगे बढ़ने वाली सामग्री की शिकायत पर गंभीर सरकार है। अगर इसकी सूचनाओं में कोई बदलाव करने की जरूरत पड़ी तो मंत्रालय के पीछे नहीं हटेगा। जहरीली, गली-गलौज रोकने के लिए हम सख्त कार्रवाई करेंगे।
अनुराग ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहीं ये बातें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन प्लेटफॉर्म को रचनात्मकता के लिए आजादी मिली थी, गली-गलौज के लिए अश्लीलता के लिए नहीं। अगर कोई इसकी सीमा को पार करेगा तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों पर कार्रवाई करने से सरकार पीछे नहीं हटेगी।

OTT को लेकर आने वाली हैं
अगुराग ठाकुर ने कहा कि इसके लिए अभी तक एक टैटू है। पहले लेवल पर प्रोड्यूसर को यथार्थ का संज्ञा लेकर उन्हें दूर करना होता है। 90-92% दलाल ही दूर करते हैं। इसके बाद संघ के स्तर पर योजनाएं बनाई जाती हैं। फिर सरकार के स्तर पर बात आती है तो विभागीय समिति भी कार्रवाई करती है। हम किसी के होश से काम करते हैं।
अभी की स्थिति की बात करें तो पिछले कुछ समय से झाग बढ़ना शुरू हो गया है, समाचार पत्र मंत्रालय गंभीर है। अगर इसमें किसी बदलाव की जरूरत होगी तो इस पर ग्रेविटास पर विचार करने के बाद फैसला कर सकते हैं।
राहुल गांधी खबरों में रहने के लिए कुछ भी बोलते हैं
इस दौरान ठाकुर ने राहुल गांधी के मामले में आरोप लगाए गए आरोपों को लेकर उन पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग हैं जो कुछ भी बोलकर बस खबरों में बने रहना चाहते हैं। अगर वो गंभीर होते हैं तो महिलाओं के मुद्दों पर भी ग्रेविटेशन से बात करते हैं।

इंटरनेट पर ओटीटी पर कई शिकायतों के साथ आपका पसंदीदा शो देख सकते हैं।
अब OTT प्लेटफॉर्म्स के बारे में भी जान-बूझकर सहयोगी बने हैं
ओटीटी द ओवर द टॉप एक स्ट्रिंगर मीडिया है। यह इंटरनेट के जरिए यूजर्स तक पहुंचता है। ओटीटी पर तीन लाख नामांकन वीडियो ऑन डिमांड, सब्सक्रिप्शन और एडवरटाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड होता है।
इसमें केबल या डीटीएच कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती है। वह इंटरनेट की परिस्थितियों के साथ अपना पसंदीदा शो देख सकते हैं। ओटीटी का चलन सबसे पहले अमेरिका में शुरू हुआ था। फिर धीरे-धीरे ये दूसरे देश फैल गए। साल 2008 में रिलायंस इंटरटेनमेंट ने बिग फ्लिक्स नाम से सेवा शुरू की थी। यह भारत का पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म माना जाता है।
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KPMG की रिपोर्ट है कि भारत में OTT प्लेटफॉर्म्स का कारोबार 2016 से 2021 के बीच 30% के कंपाउंड रेट से बढ़ा है। 2016 में भारत में ओटीटी का बाजार करीब 7600 करोड़ रु. का था जो 2021 में 29 हजार करोड़ रु. के पार पहुंच गया। 2016 में जियो की इंटरनेट क्रांति ने हर हाथ में मोबाइल दिया तो 2020 के लॉकडाउन में खाली समय दिया। पढ़ें पूरी खबर…