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छावला रेप केस जजमेंट का रिव्यू करेंगे सुप्रीम कोर्ट:CJI सुनवाई करेंगे; 3 मिनट हुए थे, एक ने 79 दिन बाद मर्डर की

नई दिल्ली4 घंटे पहले

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छिवला रेप मर्डर केस की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।  - दैनिक भास्कर

छिवला रेप मर्डर केस की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।

2012 में दिल्ली के छावला में 19 साल की लड़की से गैंगरेप के बाद हत्या हुई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन फाइलों को 7 नवंबर 2022 को खत्म कर दिया था। बुधवार को दिल्ली सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट अपने उसी फैसले की समीक्षा के लिए तैयार हो गया है।

सीजेआई दीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे याचिका की सुनवाई की समीक्षा एस रवींद्र भट और बेला एम त्रिवेदी के साथ मिलकर करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट इस मामले की ओपन कोर्ट सुनवाई पर भी विचार करेगी।

79 दिन बाद बरी दशमलव में एक और हत्या की
दिल्ली सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता CJI की दलील में याचिका लेकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि पंच शातिर अपराधी हैं। जिन तीन रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया गया था। उनमें से एक विनोद ने 79 दिन बाद यानी 26 जनवरी को ऑटो चालक की गला रेत कर हत्या कर दी। उसे 5 फरवरी को गिरफ्तार किया गया।

SG ने ओपन कोर्ट हियरिंग की मांग करते हुए कहा कि अगर पिछली बार CJI की बेंच ने फैसला दिया था तो इस बार भी CJI को ही सुनवाई करनी चाहिए।

3 महीने पहले रिव्यू पिटीशन लगाया गया था
दिल्ली सरकार ने 3 महीने पहले ही छावला गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्णविचार याचिका दायर करने का फैसला किया था। समीक्षा पिटीशन दायर करने के लिए एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मौंत मिला था, जिसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मामले में सरकार का पक्ष रखने की बात कही थी।

क्या है छावला गैंगरेप, पूरा मामला समझें…

1. दिल्ली के छावला इलाके से 9 फरवरी 2012 को उत्तराखंड की 19 साल की लड़की का अपहरण कर लिया गया था। कई दिनों बाद 14 फरवरी को लड़कियों का बॉडी हरियाणा के रेवाड़ी में एक खेत में मिला था। बॉडी को जला दिया गया था।

2. नजफगढ़ में मामला दर्ज हुआ। शिकायत में पता चला कि एक सदी से लड़की दिल्ली से बाहर गई थी। उसके शरीर को सिगरेट से दागा और चेहरे पर तेज कर दिया। उसके शरीर पर कार में रखे उपकरणों से हमला किया गया। इसके बाद मर्डर कर दिया।

3. अदालत ने 2014 में अदालत में रवि, राहुल और विनोद को दोषी पाया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई। इसी साल अगस्त में उच्च न्यायालय ने भी फांसी की सजा बरकरार रखी थी। अदालत ने दोषियों को घूमने वाला हिंसक जानवर कहा था।

4. दोषियों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। दिल्ली पुलिस ने सजा कम किए जाने का विरोध किया था। पीड़ित लड़की के पिता ने भी कहा था कि केस के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की गई थी।

5. सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों की कमी के कारण 7 नवंबर 2022 को तीन गलतियां पूरी कर दी थीं। कोर्ट ने कहा था कि कानून अदालतों को किसी भी दायरे में केवल भावनाओं और संदेह के आधार पर सजा देने की अनुमति नहीं देता है।

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छावला गैंगरेप में अति घटना पर अब मर्डर केस

छावला मर्डर केस में यूनाइटेड गर्ल की मां का जमावड़ा, जो एक विरासत के रूप में होने के बाद आया था।

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सुप्रीम कोर्ट से बेहद हुए छावला गैंगरेप के हालात को दिल्ली पुलिस ने एक मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया है। पवन और विनोद पर एक ऑटो ड्राइवर ने लगाया हत्या का आरोप। द्वारका के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया कि नियामक में से एक विनोद मामला गैंगरेप मामले का भी था। तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रेप का मामला से बड़ा कर दिया था। पढ़ें पूरी खबर…

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