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गर्मी को लेकर पीएम मोदी ने की हाई लेवल:कहा

नई दिल्ली2 घंटे पहले

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेसिडेंस पर मौसम विभाग और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ गर्मी के मौसम के लिए तैयारियों की समीक्षा की।  - दैनिक भास्कर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेसिडेंस पर मौसम विभाग और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ गर्मी के मौसम के लिए तैयारियों की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कई राज्यों में गर्मियों के मौसम और मानसून से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की घोषणा की। बैठक में मोदी ने अधिकारियों से कहा कि वे मौसम की जानकारी सरल भाषा में दें। साथ ही ओवरलैपिंग का आरोप लगाने के निर्देश दिए।

बैठक में पीएम मोदी ने मौजूद अधिकारियों से मौसम की तैयारियों के लिए अपडेट लिया। पीएम को अगले कुछ महीनों के सीज़न के पूर्वानुमान, मानसून की संभावना, रब्बी समझौते पर सीज़न के प्रभाव और प्रमुख जागीरदारों के बारे में भी जानकारी दी गई। अधिकारियों ने प्रधान मंत्री को गर्मी के मौसम में लंज और घटनाओं की तैयारियों के लाद से चल रहे प्रयासों के बारे में भी सुधार किया।

पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि जंगल की आग रोकने के लिए प्लान बनाने की जरूरत है।

पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि जंगल की आग रोकने के लिए प्लान बनाने की जरूरत है।

गर्म मौसम के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर लें
पीएम मोदी ने कहा कि सीजन को देखते हुए हर जरूरी तैयारी करनी चाहिए। जैसे डॉक्टर्स, म्युनिसिपल और पंचायत, RAF की टीम को पहले अलर्ट करना चाहिए। ज्यादा गर्मी की स्थिति से निपटने के लिए स्कूलों में बच्चों को लेकेचर की मदद से जागरुक किया जाता है। गर्म मौसम के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर लेना चाहिए। इस दौरान क्या करें और क्या न करें इस तरह की सूचनाओं को रेडियो जिंगल्स, शॉर्ट फिल्म और पैम्फलेट की मदद से लोगों तक पहुंचाएं।
इसके अलावा पीएम मोदी ने आईएमडी को निर्देश दिया कि वो रोज़ सीज़न के पूर्वानुमान को इस तरह जारी करें, जिसे कोई भी आसानी से समझ सके। मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई कि टीवी चैनल, रेडियो जैसे माध्यम पूर्वानुमान को आसान भाषा में समझने के लिए कुछ समय खर्च कर सकते हैं, जिससे लोग इससे बचने के लिए सावधानी बरत सकते हैं।

जंगल की आग को रोकने का प्लान तैयार करें
प्रधान मंत्री ने सभी करारों के दावे की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सभी प्रसंगों में मॉक फायर ड्रिल द्वारा अग्निशामकों को खतरा है। जंगल की आग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत भी बताई गई है। इस बात पर चर्चा की गई कि जंगल की आग को रोकने और उससे बातचीत के प्रयासों का समर्थन करने के लिए सिस्टमगत बदलाव किए जाने चाहिए।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव, कृषि सचिव, पृथ्वी विज्ञान सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारी उपस्थित थे।

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