क्या आप 24 करोड़ मुसलमानों को चीन भेजेंगे: फारुख अब्दुल्ला का केंद्र से सवाल, कहा
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नई दिल्ली3 घंटे पहले
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अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार देश को धार्मिक रूढ़ियां खींचकर साझा कर रही है। देश में डर और द्वेष की राजनीति नई नहीं है। इस पर रोक लगनी चाहिए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व कार्यकर्ता फारूख अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर फोकस साधा है। अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार देश को धार्मिक रूढ़ियां खींचकर साझा कर रही है। इस पर रोक लगनी चाहिए। देश में डर और द्वेष की राजनीति नई नहीं है। ये लोग 22-24 करोड़ मुस्लिमों के साथ क्या करेंगे? क्या उन्हें समंदर में फेंक दें या उन्हें चीन भेज दें?
अब्दुल्ला ने कहा कि गांधीजी राम राज्य की बात करते थे, इसका मतलब था- एक ऐसा कल्याणकारी राज्य जहां सभी लोगों पर समानता होगी और किसी के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा। हम सभी गांधीजी के आदर्शों पर चलते हैं। समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खड़ा किया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने शनिवार को सभी से ज्यादा परिचितों के साथ अपने घर पर मुलाकात की थी। ये बातें उन्होंने इसी में कहीं।

अब्दुल्ला ने शनिवार को सभी से ज्यादा परिचितों के साथ अपने घर पर मुलाकात की थी।
चुनाव आयोग से गठबंधन जम्मू-कश्मीर में समय से पहले चुनाव लुक की मांग करेंगे
फर्जी के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि आज कुछ व्यापारियों ने संपत्ति टैक्स के खिलाफ आरोप लगाया था, प्रदेश के युवाओं पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। ये दिखाता है कि जम्मू-कश्मीर में हालात अच्छे नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का स्तर हटाकर उन्हें दो केंद्र- मत प्रदेश पूरे देश के लिए त्रासदी बना रहा है। जम्मू कश्मीर देश का छाया अंग है। हम इस देश के हैं, तो हमारे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है? हम राष्ट्रविरोधी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हम इलेक्शन कमीशन से मिलने के लिए दिल्ली जाएंगे। हम मांगेंगे कि यहां चुनाव तय समय से पहले जाएं और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का स्तर वापस दिलवाने में उनकी मदद मांगेंगे। हम राष्ट्रीय विपक्षी संगठन के नेता भी मिलेंगे।
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