अमृतसर के बेटे को ‘वीरबाल पुरस्कार’:अमरनाथ में बादलों के फटने के दौरान 12 साल के अजान ने बचाई थी 100 जानें
अमृतसर35 मिनट पहले
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गणतंत्र दिवस पर आज पूरे देश से 56 युवाओं को वीरबाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसमें पंजाब के तीन युवा बच्चे हैं, जिन्हें इस अवार्ड से नवाजा जा रहा है। जिसमें अमृतसर के 12 साल के अजान कपूर का नाम भी शामिल है। अजान की बहादुरी व सूझ बेवजह से अमरनाथ घटना के दौरान 100 से अधिक लोगों की जान बची थी।

अमरनाथ में बादल फटने के बाद के दृश्य।
पिता सुनील कपूर ने बताया कि अजान को पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने चंडीगढ़ में पंजाब भवन में भी बुलाया है। अजान शहीद परिवार से ताल्लुक रखता है। वह 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग कांड के दौरान शहीद लाला वासु मल का शिकार हुए। कपूर परिवार में अजान दूसरा शख्स है, जिसका राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जा रहा है।
अमरनाथ में सेवा कर रहा था
अजान ने पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान लोगों को जल्दबाजी से बचा लिया था। घटना 31 जुलाई घटी थी। सभी भक्त अमरनाथ छुट्टी से लौटते समय लंगर खा रहे थे। उस दिन से पहले, पिछले चार दिनों से बारिश हो रही थी। रात अजान बालटाल में कैंप में रुका हुआ था।
रात 8:00 बजे अजान लंगर में सेवा करने चला गया। एक घंटा सेवा करने के बाद वह पेशाब करने के लिए लोअर हाउस के पिछली तरफ चला गया। उसने नाले में पानी के तेज बहाव को देखा। पास की चोटियों से ढकने की आवाज भी सुनिए।
5 मिनट में बची 100 से अधिक जानें
उम्मीदवारों को आते देख अजान सीधे कैंप की तरफ भागते हुए। कैंप व लंगर में लोगों को पानी के बहाव व झरने के बारे में आगाह किया। खतरों को भांपते ही सभी सुरक्षित जगहों की तरफ भागे। 5 मिनट की देरी अगर हो जाती है तो 100 कीमती जिंदगियां लग जाती हैं। उन्हें सुबह 3 बजे के करीब सुरक्षा बलों ने सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
पूर्व डिप्टी स्पीकर ने जानी-मानी अजान की वीरता
अजान की इस वीरता के बारे में जब पूर्व डिप्टी स्पीकर दरबारी लाल हुए तो वह काफी हैरान थे। उन्होंने बिना समय गंवाए इसकी जानकारी डीसी अमृतसर को दे दी। इसके लिए उन्होंने डीसी अमृतसर को खत भी लिखा। किसने अजान का नाम केंद्र को भेजा। कुछ प्रयासों के बाद अजान का नाम उन 56 बच्चों में आया, जिन्हें इस साल वीरबाल पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।